क्या 2022 में अखिलेश और शिवपाल यादव एक साथ लड़ेंगे चुनाव? जानिए इस खबर का पूरा सच

  • क्या शिवपाल यादव की सपा में वापसी तय
  • आखिर चाचा पर नरम क्यों पड़ रहे है अखिलेश यदव
  • क्या 2022 में साथ आएंगें चाचा भतीजे

जी हां ये वो सवाल है जिनके जवाब पर यूपी की सियासत का न सही लेकिन हां यूपी की सबसे बड़ी और पूरानी पार्टी का भविष्य जरुर निर्भर करता हैं। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव सपा के बूरी तरह हारने के बाद सपा में हार की ठीकरा एक दूसरे के सर फोड़ने की एक होड़ सी लग गई और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों ने समाजवादी परिवार में ऐसी फूट डाली की भाई से भाई अलग हो गया। चाचा से भतीजा अलग हो गया और यूपी की सत्ता पर कई बार राज करने वाली समाजवादी पार्टी भी दो हिस्सों में बंट गई।

सपा से अलग होकर मुलायम सिंह यादव के भाई और अखिलेश यादव के चाचा साथ ही सपा के सबसे विश्वसनीय,दिग्गज और पूराना चेहरा य़ानि शिवापाल यादव समाजवादी पार्टी से अलग हो गए और 29 अगस्त 2018 को प्रसपा यानी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर दिया और प्रसपा के अध्यक्ष बन गए शिवपाल यादव और उधर सपा ने शिवपाल यादव की विधायकी रद्द करवाने के लिए विधानसभा में याचिका दाखिल कर दी।

उधऱ प्रसपा के चुनावी चिन्ह पर ही 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव चुनावी मैदान में उतरे लेकिन वहां पर प्रसपा कुछ खास कर नही पाई। ऐसे में सपा की भी हालत प्रसपा से कुछ खास अच्छी नही थी। ऐसे में हालात दोनो के एक जैसे थे। खबरें सामने आने लगी की शिवपाल में सपा में शामिल होने के संकेत दिए है। लेकिन सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने इन खबरों पर कोई मुहर नही लगाई हैं। लेकिन अब हाल ही मे एक निजी चैनल पर दिए गए अपने एक बयान में अपने चाचा शिवपाल यादव के लिए अखिलेश यादव कुछ ऐसा कह गए की सपा में शिवपाल यादव की वापसी की खबरें और पुख्ता होने लगी हैं। अखिलेश यादव ने कहा था कि जसवंत नगर सीट से समाजवादी पार्टी कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारेगी।


अखिलेश यादव के इस बयान पर न सिर्फ उत्तर प्रदेश की सियासत गर्मा गई। बल्कि सपा खेमें में भी जो लोग मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव को एक सांथ एक मंच पर देखने के आदी हैं। जो लोग भतीजे को चाचा शिवपाल का आर्शीवाद लेते हुए और चाचा शिवपाल को भतीजे अखिलेश यादव को आर्शीवाद लेते हुए देखना चाहते हैं उनकी आंखों सपा में शिवपाल यादव की वापसी की उम्मीद फिर से जग गई हैं क्योकि एक तरफ जहां  समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव के खिलाफ विधानसभा में शिवपाल यादव के खिलाफ डाली गई अपनी याचिका को वापस ले लिया हैं। वही अखिलेश यादव ने बयान दे दिया है कि सपा जसवंत नगर विधानसभा सीट पर 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में अपना कोई उम्मीदवार नही उतारेगी।

उधर सियासी गलियारों में यूपी के नेता प्रतिपक्ष और सपा के सबसे अनुभवी चेहरे यानी रामगोविंद यादव का बयान भी काफी सुर्खियों में हैं। सियासी गलियारों में ये खबरें काफी तेज़ी से फैल रही हैं कि सपा के बड़े चेहरे रामगोविंद चौधरी ने सपा में शिवपाल यादव की वापसी की बात पर कुछ हद तक मुहर लगा दी हैं। वही दूसरी खबर जो यूपी की राजनीति में  जंगल की आग तरह फैल रही हैं वो ये है कि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने सपा में वापसी की बात पर इंकार तो नही किया लेकिन हां अपने कद के मुताबिक पद की मांग जरुर कर दी हैं।

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान में उनके लहज़े में अपने चाच शिवपाल यादव के लिए नरमी तो नज़र आ रही हैं ..साथ ही अखिलेश यादव के  जसवंत नगर सीट से सपा की तरफ से कोई उम्मीदवार न उतारने के फैलने ने ये तो साफ कर दिया है कि सपा के दरवाज़े शिवपाल यादव के लिए खुले हैं लेकिन कद के मुताबिक पद का जो शिगुफा शिवपाल यादव ने छोड़ा है वो शिगुफा अखिलेश यादव के मिज़ाज को और यूपी की सियासत को कितना गर्माता है ये देखने वाली बात होगी।

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