धूमधाम से निकली शिव बारात
उत्तर प्रदेश के झांसी में महाशिवरात्रि के अवसर पर गुरूवार को पूरी धूमधाम से शिव बारात निकाली गयी जिसमें महानगर के गणमान्य लोगों के साथ आम लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
शिव बारात में हिस्सा लेने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा । महानगर में इस यात्रा का विशेष महत्व है पिछले 15 वर्षों से लगातार शिव बारात का आयोजन किया जा रहा है। आज भी यात्रा मुरली मनोहर चौराहे से शुरू हुई जिसमें भगवान शिव और दैवीय बारातियों का रूप धर कलाकारों ने तो हिस्सा लिया । बारात गाजे बाजे के साथ आगे बढ़ी तो नाचते गाते और खुशी से झूमते भक्तों का सैलाब सड़कों पर नजर आया। बारात के आगे महिलाएं कलश सिर पर लेकर चलीं और पीछे लगभग हर उम्र का शिव भक्त भगवान भोले के भक्ति गीतों पर थिरकता हुआ नजर आया।
बारात शहर के व्यस्तम इलाकों बड़ा बाजार, मानिक चौक, सिंधी चौराहे, रानी महल , मिनर्वा चौराहा और सैंयर गेट होते हुए मढ़िया महादेव महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। यह लगभग साढे चार सौ साल पुराना महादेव मंदिर है। झांसी में गोसाईयों के शासनकाल के समय यह बनाया गया था। इस अति प्राचीन शिव मंदिर की महत्ता बहुत अधिक है। जहां आज भगवान शिव का जलाभिषेक भक्त गण पूरे श्रद्धाभाव से भक्त करते हैं कभी काफी समय तक अतिक्रमण का शिकार रहा और इस अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए चले अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी योगदान रहा।
समाजवादी सरकार के शासनकाल में मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान शुरू किया गया। मंदिर पर एक समुदाय विशेष के लोगों का कब्जा था। तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ भी महाकालेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए निकले तो वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आदेश पर उन्हें रात में कानपुर सेंट्रल पर रोक दिया गया लेकिन लोगों के दृढ़निश्चय और जनमानस के सहयोग से मंदिर को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया और वर्ष 2006 से शिव बारात का आयोजन महानगर में किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण हिस्सा लेते हैं।
शिव बारात के बारे में जानकारी देते हुए सदर विधायक रवि शर्मा ने बताया कि झांसी और काशी में कोई अंतर नहीं है। काशी प्रचीनतम शिवजी की नगरी है तो झांसी में राजा गुसाईयों ने इसे शिवजी की नगरी के रुप में मान्यता दी। इसके साथ ही उन्होंने झांसी की जनता को शिवरात्रि की शुभकामनाएं भी दीं। यह बारात शिवजी के ऐसे मंदिर पर जाती है जिस पर विशेष समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया था जिसे इस बारात के माध्यम से जनजगरुकता लाकर कब्जा मुक्त कराया था। आज उस मंदिर पर विधि विधान से पूजा अर्चना होती है।
महानगर में धूमधाम से निकाली जाने वाली यह बारात सर्व धर्म समभाव का भी एक अद्भुत नमूना भी पेश करती है । बारात यूं तो शहर के जिस भी हिस्से से गुजरती है लोगों बारात का भव्य स्वागत करते हैं लेकिन बारात का नजारा सैंयर गेट पर देखते ही बनता है जहां मुस्लिम समुदाय के लोग पुष्प वर्षा कर न केवल बारात का स्वागत करते हैं बल्कि तेज धूप में चल रहे बारातियों को पानी पिलाने का भी काम करते हैं। इस तरह बारात में महानगर की गंगा जमुनी संस्कृति का भी आसानी से अवलोकन किया जा सकता है।
बारात पूरी धूमधाम के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंची जहां बारात का भव्य स्वागत किया गया और समापन भी हुआ। इस पर्व पर मंदिरों के साथ साथ पुलिस प्रशासन ने बारात मार्ग और महाकालेश्वर मंदिर पर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये। किसी अप्रिय घटना पर रोक लगाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तो तैनात ही रहे साथ ही ड्रोन की मदद से पूरे बारात मार्ग पर नजर रखी गयी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी भी सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने मंदिर पहुंचे और उन्होंने भी भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की।