पेगासस जासूसी पर बोले शशि थरूर- जेपीसी जांच की जरूरत नहीं, ये निभाएगा ड्यूटी
नई दिल्ली. पेगासस जासूसी केस (Pegasus Case) की जांच करने को लेकर कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि इस मामले की जांच ज्वाइंट पार्लिमेंट्री कमेटी (JPC) ने कराने की जरूरत नहीं है. इस संबंध में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की स्टैंडिंग कमेटी अपनी ड्यूटी निभाएगी. इस समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि यह मामला पहले से ही मेरी समिति के सामने है.
इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की संसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, गृह मंत्रालय और संचार विभाग के प्रतिनिधियों को 28 जुलाई को पेश होने को कहा है. इस दौरान नागरिकों के डाटा सेक्योरिटी और प्राइवेसी पर चर्चा की जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार शशि थरूर का कहना है कि जेपीसी से इस मामले की जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि दोनों ही कमेटी के पास एकसमान अधिकार हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि उसने कोई अनधिकृत निगरानी नहीं की है. उन्होंने कहा कि किसी को इसके लिए सरकार की बात माननी चाहिए, लेकिन अगर वे यह कह रहे हैं कि अधिकृत निगरानी थी, तो उन्हें यह बताना होगा कि यह किस आधार पर अधिकृत था.शशि थरूर ने कहा, ‘यह एक सक्रिय मुद्दा है और जब तक समिति ने रिपोर्ट नहीं देती है, तब तक मैं अध्यक्ष के रूप में अपनी क्षमता से नहीं बोल सकता. एक सांसद के रूप में मैं कह सकता हूं कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत गंभीरता का मुद्दा है. क्योंकि आरोप यह है कि एक सरकारी एजेंसी अपराधियों और आतंकवादियों पर नज़र रखने के लिए एक सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर रही है और इसका उपयोग सत्तारूढ़ दल के पक्षपातपूर्ण राजनीतिक लाभ के लिए भी करती है. यही आरोप लगाया गया है.’