शशि थरूर ने फिर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ, पटेल से की तुलना
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नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर पार्टी लाइन से हटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. कांग्रेस नेता ने कहा है कि जिस तरह से सरदार वल्लभ भाई पटेल एक राष्ट्रीय अपील थे और गुजरातियों का प्रतिनिधित्व करते थे, उसी तरह नरेंद्र मोदी की भी छवि है. शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी को एक चतुर राजनेता बताया है. शशि थरूर ने ये बातें अपनी किताब ‘Pride, Prejudice and Punditry: The Essential Shashi Tharoor’ में कहीं हैं.
शशि थरूर ने अपनी किताब में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल की तरह ही अपनी अलग और खुद की चमक बिखेरी है. उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत साल 2014 में उस वक्त शुरू हो गई थी जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की विरासत पर आक्रामक रूप से दावा किया था. उन्होंने लिखा कि मोदी ने सरदार पटेल की 600 फीट ऊंची मूर्ति के लिए देशभर के किसानों से लोहा दान देने की अपील की थी. सरदार पटेल की ये मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है और उसके सामने स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी भी बौना साबित होता है. थरूर ने लिखा कि नरेंद्र मोदी ने खुद को पटेल की तरह ही कठोर और निर्णायक कार्रवाई करने वाले नेता की तौर पर दुनिया के सामने पेश किया है.
शशि थरूर ने अपनी किताब में लिखा, सरदार पटेल गुजरात जिस तरह से राष्ट्रीय अपील और गुजराती मूल के व्यक्ति के रूप में दोनों का ही प्रतिनिधित्व करते थे उसी तरह से गुजरातियों में पटेल के बाद मोदी जैसा संदेश गूंजता है. उन्होंने ये भी लिखा है कि ये विडंबना है कि मोदी जैसे स्वघोषित हिंदू राष्ट्रवादी खुद को गांधीवादी नेता मानते हैं जबकि महात्मा गांधी ने कभी भी भारतीय राष्ट्रवाद को धार्मिक लेबल के साथ नहीं जोड़ा था. उन्होंने लिखा कि महात्मा गांधी की तरह ही सरदार पटेल भी धर्म और जाति से हटकर सभी के लिए समान अधिकारी में विश्वास रखते थे.
किताब में शशि थरूर ने अटल बिहार वाजपेयी की ओर से कही गई उस बात का भी जिक्र किया है, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्र को नेहरू के आदर्शों के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का आह्वान किया था. थरूर ने लिखा है कि वाजपेयी ने नेहरू के लिए ‘एकता, अनुशासन और आत्मविश्वास’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था जो नरेंद्र मोदी कभी नहीं कर सकते हैं.