शर्मनाक: अब कुत्ते खा रहे हैं उत्तराखंड में घाट पर लगी अधजली लाशें

उत्तरकाशी. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नदी में लाशें मिलने के बाद और भयानक तस्वीर यह है कि उत्तरकाशी में नदी में बह रही लाशों को आवारा कुत्ते खाते हुए एक वीडियो में दिखाई दिए. कुत्तों के लाशें चबाने और नोचने का यह वीडियो भागीरथी के केदार घाट पर लगीं लाशों का बताया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हाल में कुछ दिनों से बारिश होने के चलते नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके कारण वो अधजली लाशें किनारों तक आ गई हैं, जिन्हें नदी में फेंक दिया गया होगा. इस घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी ने इस वीभत्स तस्वीर को ‘मानवता की मौत’ करार दिया.

एक और स्थानीय व्यक्ति ने आशंका जताई कि हो सकता है कि ये लाशें कोविड ग्रस्त मृतकों की रही हों, जो नदी किनारे लगी हैं. ‘नगरीय प्रशासन को फौरन और कारगर एक्शन लेना चाहिए ताकि लाशों के ज़रिये संक्रमण फैलने की आशंका पैदा न हो.’ इस डर के साथ ही स्थानीय व्यक्तियों ने इस बात पर नाराज़गी भी ज़ाहिर की कि नगर पालिका और ज़िला प्रशासन से बार बार शिकायतें किए जाने के बावजूद शवों का अंतिम संस्कार उचित तरीके से नहीं करवाया जा रहा है.

चश्मदीद ने क्या कहा?

नदी किनारे पड़ी लाशों को कुत्तों द्वारा कुतरे जाने वाले दृश्य को एक स्थानीय व्यक्ति ने अपनी आंखों से देखने का दावा किया. समाचार एजेंसी एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में इस व्यक्ति के हवाले से लिखा ‘मैं यहां पेंटिंग कर रहा था, तभी मैंने यहां कुत्तों को कुछ अधजली लाशें खाते हुए देखा. ज़िला प्रशासन और नगर पालिका को फ़ौरन इसका संज्ञान लेना चाहिए और ज़रूरी कदम उठाने चाहिए. यह चिंता का विषय है और मुझे लगता है कि ‘इंसानियत की मौत’ का चित्र है.

प्रशासन ने क्या कहा?

नगर पालिका के प्रेसिडेंट रमेश सेमवाल ने इस मामले में कहा कि स्थानीय व्यक्तियों से इस तरह की शिकायतें मिलने पर केदार घाट पर अधजली लाशों के ​क्रियाकर्म और किनारे को धोने के लिए एक व्यक्ति की ड्यूटी लगाई गई है. ‘पिछले कुछ दिनों में हमारे इलाके में मौतें बढ़ीं और मुझे भी पता चला कि शवों को ठीक ढंग से जलाया नहीं गया.’

गौरतलब है कि इससे पहले, उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में लाशों के मिलने संबंधी कई तरह की खबरें लगातार आई थीं. यही नहीं, हाल में, पिथौरागढ़ में भी नदी में लाशें तैरती हुई देखी गई थीं, जिन पर स्थानीय लोगों ने काफी नाराज़गी जताई थी और पीने के पानी के दूषित व संक्रमित होने का डर भी ज़ाहिर किया था.

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