हसीना सरकार की सख्ती:कट्टरपंथी संगठन का नेता रिजवान रफीक गिरफ्तार;

मोदी के बांग्लादेश दौरे के वक्त हिंदुओं के घर जलाए थे

बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस संगठन के एक बड़े नेता रिजवान रफीक को गिरफ्तार कर लिया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मार्च में बांग्लादेश दौरे पर गए थे। रिजवान ने इस दौरान न सिर्फ इस यात्रा का विरोध किया था, बल्कि लोगों को भड़काकर कई हिंदुओं के घर भी जला दिए थे। इस घटना की चर्चा वर्ल्ड मीडिया में हुई थी और इसके बाद से हसीना पर कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा था।

सरकार ने की पुष्टि
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार से बातचीत में एडिश्नल डिप्टी कमिश्नर इफ्तेखार उल इस्लाम ने कहा- हम उन तत्वों को कतई बख्शने वाले नहीं हैं, जो इस मुल्क में नफरत और अलगाववाद का एजेंडा चलाना चाहते हैं। हमारी स्पेशल टीम ने हिफाजत-ए-इस्लाम के नेता रिजवान रफीक को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ भी एक स्पेशल टीम करेगी। हम रफीक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिजवान को शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात किसी अज्ञात स्थान से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के फौरन बाद उसे पूछताछ करने के लिए बनाई गई स्पेशल टीम के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने यह नहीं बताया कि रिजवान को अकेले गिरफ्तार किया गया या उसके साथ कोई और भी था। यह भी नहीं बताया गया कि उसे रखा किस जगह गया है।

सु्रक्षा के लिए खतरा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक- रिजवान चोरी छिपे सोशल मीडिया पर पोस्ट और मैसेज डाल रहा था। इसके लिए वो जेल में बंद अपने कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं को रिहा करने या सरकार को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा था। बांग्लादेश का गृह मंत्रालय पहले ही साफ कर चुका था कि किसी भी कट्टरपंथी नेता को बख्शा नहीं जाएगा और इन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, रिजवान के खिलाफ पुलिस ने काफी मजबूत केस तैयार किया है और उसे किसी भी हालत में जमानत पर बाहर नहीं आने दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी मार्च में बांग्लादेश दौरे पर गए थे। इस दौरान हिफाजत-ए-इस्लाम ने कई हिंदुओं के घर जला दिए थे। (फाइल)

26 मार्च को हुई थी हिंसा
नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की आजादी के उत्सव कार्यक्रम में शिरकत के लिए हसीना सरकार के न्योते पर 26 मार्च को ढाका गए थे। रिजवान ने इस यात्रा का विरोध किया था और देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन कराए थे। इस दौरान काफी हिंसा हुई थी और 4 लोगों की मौत हो गई थी।

पुलिस के मुताबिक, मोदी की भारत वापसी के बाद 300 लोगों को इस हिंसा के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन रिजवान और उसके कुछ साथी फरार हो गए थे। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं था।

देश की छवि को नुकसान
रिजवान के संगठन ने कुछ मंदिरों पर हमला किया था। उन्हें तोड़ दिया गया था। इनमें मगुरा जिले का राधागोविंद आश्रम और अष्टग्राम मंदिर भी शामिल था। इसके बाद उसने कुछ लोगों के साथ हिंदुओं के घरों पर हमले किए थे। करीब 26 घरों को आग के हवाले किया गया था।

26 अप्रैल के इसी संगठन के एक नेता मनुमल हक को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को शक है कि मोदी की यात्रा के पहले ही दंगों का साजिश रची गई थी और इसमें कुछ बाहरी तत्वों का हाथ हो सकता है। कुछ खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान के आतंकी संगठन भी हिफाजत-ए-इस्लाम के साथ संपर्क में हैं। रिजवान की गिरफ्तारी के बाद इनके नाम भी सामने आ सकते हैं।

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