तालिबान को शाहिद अफरीदी का सपोर्ट
पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा- 'तालिबान पॉजिटिव सोच के साथ आया'; लोगों का जवाब-अफरीदी दिमाग से अब भी 14 साल के
तालिबानियों की तरह अफरीदी भी बंदूकों से काफी लगाव रखते हैं।
तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता हासिल कर ली है। दुनियाभर में तालिबान की पहचान धर्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने और मानवाधिकार को कुचलने वालों की रही है। बावजूद इसके, पाकिस्तान दुनिया के उन मुट्ठीभर मुल्कों में है जो खुलकर तालिबान के समर्थन में आ गया है। कट्टरता का साथ देने के मामले में वहां के सैन्य अधिकारियों और नेताओं के साथ-साथ अब क्रिकेट स्टार्स भी होड़ करने लगे हैं।
तालिबान को ताजा समर्थन पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रहे 44 साल के शाहिद अफरीदी की ओर से आया है। अफरीदी को इस बयान के कारण सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल होना पड़ रहा है। कई यूजर्स ने कहा कि अफरीदी की दिमागी उम्र अब भी 14 साल की है। इसलिए वे बचकाना बयान दे रहे हैं।
कहा- तालिबानी अब पहले जैसे नहीं रहे
अफरीदी ने मीडिया से बातचीत में तालिबान की सत्ता में वापसी का समर्थन किया है। अफरीदी ने कहा- “इस बार वे बहुत ही पॉजिटिव माइंडसेट के साथ आए हैं। वे कई क्षेत्रों में महिलाओं को काम करने की इजाजत भी दे रहे हैं। इसमें राजनीति भी शामिल है।” हालांकि, अफरीदी का यह बयान अफगानिस्तान छोड़कर भाग रहे लोगों की बातों से मेल नहीं खाता है। हजारों अफगानी बता रहे हैं कि तालिबान घरों में घुस कर अफगानियों को गोली मार रहे हैं और महिलाओं पर जुल्म की फिर से शुरुआत कर रहे हैं।
परिवार के सदस्यों के साथ शाहिद अफरीदी।
क्रिकेट को बढ़ावा देंगे तालिबान
अफरीदी ने कहा कि उन्हें लगता है तालिबान को क्रिकेट बहुत पसंद है। वे इस खेल को देश में बढ़ावा देंगे। हालांकि, जिस तरीके से तालिबान ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर कब्जा किया है और जिस तरह वहां के क्रिकेटर दहशत में हैं उससे तो यही लगता है कि वहां की क्रिकेट काफी मुश्किल में पड़ सकती है। राशिद खान, मोहम्मद नबी जैसे क्रिकेटर्स अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।
कश्मीर को लेकर भी बिगड़े बोल
शाहिद अफरीदी कश्मीर को लेकर भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। आम तौर पर क्रिकेटर्स से उम्मीद की जाती है कि वे सियासी बयानबाजी नहीं करेंगे, लेकिन अफरीदी ने कई बार कश्मीर मुद्दे को बेवजह हवा देने की कोशिश की है। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए कहा था कि उनकी अगुवाई में भारत कश्मीर में धार्मिक आधार पर भेदभाव कर रहा है। बाद में हरभजन सिंह, युवराज सिंह, सुरेश रैना ने अफरीदी को कश्मीर राग अलापने की जगह विफल हो चुके पाकिस्तान को संभालने की नसीहत दी थी।
क्या अफरीदी राजनीति में आना चाहते हैं?
कई विश्लेषकों का मानना है कि शाहिद अफरीदी संभवतः राजनीति में भविष्य तलाश रहे हैं। इसलिए वे बार-बार ऐसे बयान देते हैं जिससे वे चर्चा में रहें और पाकिस्तानी जनता की नजर में उनकी वैल्यू बढ़े। इसी कारण वे कश्मीर को लेकर भी उल्टे-सीधे बयान देते रहते हैं। पूर्व कप्तान इमरान खान अभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। हालांकि, वे सभी मोर्चे पर फेल रहे, लेकिन कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटरों को लगता है कि वे भी इमरान खान की तरह राजनीति में अच्छा भविष्य बना सकते हैं।