शाहीन बाग संयोग नहीं प्रयोग है, पीएम मोदी ने कह दी बड़ी बात
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi assembly election 2020) नजदीक आ गए हैं। 8 फरवरी को दिल्ली की जनता तय करेगी कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी। वही पक्ष विपक्ष जनता को रिझाने के लिए दिल्ली में बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी (Aam aadmi Party) के नेता हो कांग्रेस (Congress) के नेता हो या बीजेपी के बड़े दिग्गजों सभी दिल्ली में रेलिया करते हुए नजर आ रहे हैं साथ ही दिल्ली के लोगों से कई वादे भी कर रहे हैं। वही आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) ने भी दिल्ली में रैली की और लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी (PM Modi) ने सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) पर केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सवाल, लोकपाल, बाटला हाउस एनकाउंटर और आखिर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के मुद्दे को उठाया।
दिल्ली के कड़कड़डूमा में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शाहीन बाग (Shaheen Bagh Protest)में प्रदर्शन महज एक संयोग नहीं बल्कि एक प्रयोग है। मोदी ने इसके पीछे एक ऐसी साजिश बताई है जो राष्ट्र के सौहाद्र को खंडित करने का इरादा रखती है। पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली में कभी लगातार आतंकी हमले होते थे लेकिन आतंकी हमले के गुनाहगारों को दिल्ली में जब पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया तो इसे फर्जी एनकाउंटर कहा गया।
पीएम मोदी ने यहां शाहीन बाग के मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि क्या ऐसे लोग दिल्ली में विकास के लिए सुरक्षित वातावरण दे सकते हैं कतई नहीं दे सकते हैं। सीलमपुर हो जामिया हो या फिर शाहिनबाग बीते कुछ दिनों से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं क्या यह प्रदर्शन सिर्फ एक सहयोग है जी नहीं यह संयोग नहीं एक प्रयोग है। इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजाइन है जो राष्ट्र के सौहार्द्र को खंडित करने का इरादा रखता है। यह सिर्फ एक कानून का विरोध होता तो सरकार के इतने आश्वासन के बाद खत्म हो जाता।
पीएम मोदी ने यहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इसे लेकर राजनीति का खेल खेल रही है और यह सारी बातें उजागर हो चुकी है संविधान और तिरंगे को आगे रखते हुए ज्ञान बांटा जा रहा है और असली साजिश से ध्यान हटाया जा रहा है। हमारा संविधान ही न्यायपालिका और अदालतों का आधार है। इसके मुताबिक ही अदालतें चलती है कोर्ट का काम होता है।
पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे देश के सुप्रीम कोर्ट की भावना भी यही रही है कि विरोध प्रदर्शन से सामान्य लोगों को दिक्कत ना हो देश की संपत्ति नाचना हो प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ को तो सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई है लेकिन यह सभी लोग कोर्ट की बात ही नहीं मानते परवाह नहीं करते और बातें करते हैं संविधान की। जिस संविधान ने न्यायपालिका को बनाया और न्यायपालिका जो कह रही है उसे मानने को तैयार नहीं है और संविधान की बातें कर रहे हैं।