शबनम ने राज्यपाल आनंदीबेन से फिर की माफी की मांग, क्या टल जाएगी फांसी ?

अमरोहा जिले के बावनखेड़ी में 14/15 अप्रैल 2008 में परिवार के सात सदस्यों को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मौत के घाट उतारने वाले शबनम ने राज्यपाल के नाम अब एक और दया याचिका सरीखी अर्जी तैयार की है। राज्यपाल तक भेजने के उम्मीद में यह अर्जी रामपुर के जेल अधीक्षक को सौंपी गई है।

गुरुवार को शबनम के दो अधिवक्ताओं ने रामपुर के जेल अधीक्षक से मुलाकात कर उनको राज्यपाल को संबोधित दया याचिका रूपी अर्जी सौंपी है। इसमें उसकी फांसी की सजा माफ किए जाने की मांग की गई है। जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि दो अधिवक्ता आए थे, जिन्होंने प्रार्थना पत्र दिया है।

प्रार्थना पत्र राज्यपाल को प्रेषित किया जा रहा है। जेल अधीक्षक ने बताया कि राज्यपाल से दया की उम्मीद का शबनम का यह दूसरा प्रयास है। पूर्व में उसकी दया याचिका राज्यपाल के स्तर से खारिज हो चुकी है।

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डेथ वारंट जारी होते ही मथुरा जेल भेज दी जाएगी शबनम

रामपुर के जेलर आरके वर्मा का कहना है कि डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को मथुरा जेल भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमरोहा के जिला जज से डेथ वारंट मांगा गया है। जैसे ही प्राप्त होगा, वैसे ही शबनम को मथुरा जेल भेज दिया जाएगा। यूपी में महिला को फांसी की व्यवस्था मथुरा में ही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल जेल में शबनम का व्यवहार सामान्य है। शबनम को रामपुर जेल की महिला बैरिक नंबर 14 में रखा गया है।

अभी तक किसी महिला को भी नहीं लगी फांसी

प्रदेश का एकमात्र महिला फांसी घर मथुरा में ही है। जिसका उल्लेख जेल मैनुअल में है, वरना अधिकारियों के मुताबिक अभी यह फांसीघर पूरा तक नहीं है। फांसीघर के नाम पर केवल एक छोटा सा स्ट्रक्चर है। जिसमें अभी तक किसी महिला को फांसी हीं नहीं दी गई है। जिसके चलते फांसी घर में बहुत सी कमियां हैं।

इसमें फांसी लगाने के लिए होने वाले लीवर तख्ता आदि नहीं हैं। यहां तक कि सीढ़ियों की भी मरम्मत करानी पड़ेगी। जेलर एमपी सिंह ने बताया कि अभी महिला फांसी घर अधूरा है। हम केवल सामान्य साफ-सफाई करा रहे हैं। अधिकृत रूप से उनके पास कोई सूचना नहीं है।

 

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