सौरव गांगुली बने बीसीसीआई के नए अध्यक्ष, किया प्लानिंग का खुलासा
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व ओपनर और देश के सबसे सफल कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली (sourav Ganguly) का बीसीसीआई अध्यक्ष (BCCI President) बनना तय हो गया है | यह पहला मौका होगा जब गांगुली इस अहम पद की जिम्मेदारी संभालेंगे | इससे पहले वह बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्हें हाल ही में इस पद के लिए दोबारा चुना गया था | हालांकि पहले बीसीसीआई अध्यक्ष बनने की होड़ में बृजेश पटेल (Brijesh Patel) का नाम सबसे आगे चल रहा था, लेकिन आखिरी पलों में सौरव गांगुली के नाम पर सहमति बन गई | अब खुद गांगुली ने बताया है कि आखिर कैसे उनका नाम इस पद के लिए तय हुआ और बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभालने के बाद वे आखिर क्या-क्या काम करेंगे |
फिलहाल गांगुली के लिए ये नियुक्ति थोड़ी अवधि के लिए ही होगी | नए नियमों के मुताबिक गांगुली के लिए ये नियुक्ति जुलाई 2020 तक ही होगी | गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन में बीते पांच साल से विभिन्न पद संभालते रहे हैं | इनमें राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के अलावा प्रशासक का भी पद है | नए नियमों के मुताबिक कोई व्यक्ति एक बार में छह साल तक ही पद पर रह सकता है |
बीसीसीआई की राज्य इकाइयों की अनौपचारिक बैठक में गांगुली का नाम बोर्ड अध्यक्ष के लिए फाइनल होने के बाद गांगुली ने कहा, “ऐसा नियम है तो हमें उसके हिसाब से चलना होगा | मेरी प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेटर्स को देखने की है | मैंने COA से आग्रह किया था लेकिन उन्होंने सुना नहीं | रणजी ट्रॉफी क्रिकेट पर फोकस रहेगा | क्रिकेटर्स के आर्थिक हितों को देखना होगा |”
गांगुली 2000 में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने थे तो टीम इंडिया खस्ता हाल में थी | उससे पहले के दौर में मैच फिक्सिंग स्कैंडल की काली छाया से भारतीय क्रिकेट को गुज़रना पड़ा था | गांगुली ने अपनी आक्रामक कप्तानी से ना सिर्फ खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया बल्कि इस विश्वास को भी पुख्ता किया कि टीम इंडिया विदेश में भी जीत हासिल कर सकती है |
गांगुली बीसीसीआई का अध्यक्ष पद संभालते हैं तो आईसीसी में उनकी बोर्ड रूम रणनीतियों पर सबकी नजरें रहेंगी | इस नई पारी में गांगुली कैसा प्रदर्शन करते हैं, दूसरे देशों के बोर्डों की भी इसमें दिलचस्पी रहेगी |
गांगुली ने कहा, “मैं नियुक्ति से खुश हूं क्योंकि ये ऐसा समय है जब बीसीसीआई की छवि पर बाधा आई है | कुछ करने के लिए ये मुझे बड़ा अवसर मिला है | आप चाहें निर्विरोध चुने जाएं या दूसरे तरीके से, ये बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि ये क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड है | भारत पावर हाउस है | ये चुनौती होगी |”