उन्नाव रेप पीड़िता के साथ सड़क हादसे मामले में सीबीआई ने दायर की चार्ज शीट, सेंगर पर हत्या का आरोप नहीं
उन्नाव रेप पीड़िता के साथ जुलाई में हुए सड़क हादसे को लेकर सीबीआई ने शुक्रवार को चार्जशीट फाइल कर दी है। इस चार्टशीट में सीबीआई ने अभियुक्तों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर में लगा हत्या का आरोप हटा दिया गया है। बता दें कि हादसे में रेप पीड़िता और उसके वकील को गंभीर चोट आई थी, जबकि पीड़िता के एक परिजन की मौत हो गई थी। इसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और ड्राइवर आशीष कुमार पाल पर आरोप लगाए गए थे।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में अभियुक्तों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर में लगा हत्या का आरोप हटा दिया गया है। साथ ही मामले में ड्राइवर आशीष कुमार पाल को आईपीसी की धारा 304-ए, 338 और 279 के तहत आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट लखनऊ में दाखिल की गई। प्रवक्ता के मुताबिक, कुलदीप सिंह सेंगर के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 120 (बी) के तहत आपराधिक षड्यंत्र रचने और ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार पाल के खिलाफ धारा 304, 279 और लापरवाही से गाड़ी चलाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। लेकिन इस मामले में सीबीआई को ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले जिससे कि इसे ‘हत्या की कोशिश’ या फिर ‘हत्या का षड्यंत्र’ साबित किया जाता।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 28 जुलाई को दुष्कर्म पीड़िता जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी। इस दौरान रायबरेली में तेज़ रफ़्तार से जा रहे एक ट्रक ने पीड़ित लड़की की कार को टक्कर मार दी थी जिसमें लड़की के अलावा उसके चाचा, चाची और मौसी के अलावा उनके वकील भी सवार थे। हादसे में पीड़ित लड़की की चाची और मौसी की तुरंत मौत हो गई थी। जबकि पीड़ित लड़की और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर सीबीआई ने तत्कालीन बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके कई साथियों पर कथित तौर पर हत्या की साज़िश रचने, लड़की की हत्या का प्रयास करने और साक्ष्य मिटाने की कोशिश जैसे संगीन आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। बता दें कि पीड़िता को उपचार के लिए गंभीर हालत में एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़िता को 25 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी मिली थी।
उन्नाव दुष्कर्म मामला
साल 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर के गांव की ही एक लड़की ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया था। लड़की ने पुलिस पर शिकायत दर्ज न करने का आरोप लगाते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्महत्या की कोशिश की थी। उसके अगले ही दिन लड़की के पिता की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत हो गई। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि ऐसा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारे पर हुआ। यह मामला सुर्खियों में आने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया जिसके बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए थे।
इसी मुक़दमे के सिलसिले में गत 28 जुलाई को जेल जा रही पीड़िता की कार के साथ यह दुर्घटना घटी। दुर्घटना में घायल पीड़िता को एम्स से छुट्टी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को उसके दिल्ली में ही रहने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित लड़की और उसके परिजनों को सीआरपीएफ़ की सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे |