आत्मनिर्भर गांवों से साकार होगा आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य : तोमर
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ को साकार करने का मार्ग आत्मनिर्भर गांवों से होकर जाता है। हमारे गांवों को मजबूत व आत्मनिर्भर बनाने में इस्पात की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
तोमर ने मंगलवार को ‘आत्मनिर्भर भारत : ग्रामीण अर्थव्यवस्था (कृषि, ग्रामीण विकास, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण) में इस्पात के उपयोग’ को बढ़ावा देने पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान ग्रामीण मांग में उत्साहजनक बदलाव आया है। नीतिगत सहायता, विकास प्रयासों, कृषि ऋण छूट, उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) व ग्रामीण विकास केंद्रित बजटीय प्रक्रिया द्वारा ग्रामीण उपभोक्ताओं के खर्च की क्षमता में सुधार हुआ है।
केंद्रीय स्टील मंत्रालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की आयोजित वेबिनार में तोमर ने कहा “इस्पात के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं, खाद्य प्रसंस्करण, ग्रामीण आवास, खाद्य भंडारण, कृषि उपकरण विनिर्माण आदि को कवर करने वाले ग्रामीण क्षेत्र में अपार अवसर उपलब्ध हैं। बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था इस्पात के अधिक उपयोग के नए अवसर खोल रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, एमएसपी जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाएं जीवन को बेहतर बना रही हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में इस्पात का अधिक उपयोग भी शामिल है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा, डेयरी, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि-उपकरण आदि जैसे अन्य क्षेत्रों में विकास का ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात की खपत पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में इस्पात की आवश्यकता को देखने और घरेलू इस्पात उत्पादन की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कार्यदल के गठन का भी सुझाव दिया।
वेबिनार में केंद्रीय स्टील तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में इस्पात की मांग को बढ़ावा देने के लिए अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि सरकार 1,00,000 करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के संवितरण के साथ कई नए क्षेत्रों को प्राथमिकता वाले क्षेत्र में शामिल कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार देश भर में 5,000 कम्प्रेस्ड बॉयो-गैस (सीबीजी) संयंत्र विकसित कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में सीबीजी को प्राथमिकता वाले क्षेत्र में शामिल किया है।
हम चावल से इथेनॉल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने का मिशन, ग्रामीण सड़कों में निवेश, रेलवे की आधारभूत संरचना को उन्नत करने और कृषि को गति, सभी में इस्पात की बड़ी मांग पैदा करेंगे। प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत बढ़ाना सभी के हित में है। प्रधान ने बताया कि देश में प्रति व्यक्ति इस्पात उपयोग को बढ़ाने में ग्रामीण भारत की अहम भूमिका है। यह समाज में अधिक सशक्त बनाएगा, ग्रामीण विकास सुनिश्चित करेगा और रोजगार पैदा भी करेगा।