झारखंड में JMM-RJD के बीच सीट शेयरिंग विवाद

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में आईएनडीआईए के तहत सीट शेयरिंग के फॉर्मूले की घोषणा की है। उन्होंने राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर झामुमो और कांग्रेस के चुनाव लड़ने का एलान किया है

सीएम हेमंत सोरेन का एलान

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में आईएनडीआईए के तहत सीट शेयरिंग के फॉर्मूले की घोषणा की है। उन्होंने राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर झामुमो और कांग्रेस के चुनाव लड़ने का एलान किया है, जबकि राजद और वामदलों को 11 सीटें दी गई हैं।

राजद की नाराजगी

सीट शेयरिंग के इस निर्णय के तुरंत बाद राजद ने इसे झामुमो और कांग्रेस का एकतरफा फैसला करार दिया है। राजद नेता मनोज कुमार झा ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय उनकी पार्टी की सहमति के बिना लिया गया है और इससे उनकी स्थिति को कमजोर किया गया है।

मनोज झा का बयान

मनोज झा ने आरोप लगाया कि झामुमो और कांग्रेस की यह घोषणा जल्दबाज़ी में की गई है। उन्होंने कहा, “सभी फैसले ‘2 मिनट’ में नूडल्स की तरह नहीं लिए जा सकते।” यह बयान दर्शाता है कि राजद ने अपनी चुनावी रणनीति पर गहराई से विचार किया है और वे इसके प्रति गंभीर हैं।

चुनावी रणनीति

मनोज झा ने यह भी कहा कि राजद ने झारखंड विधानसभा की 15 से 18 सीटों की पहचान की है, जहां उनकी पार्टी अकेले बीजेपी को हराने में सक्षम है। उनका यह बयान राजद की आत्मविश्वास और चुनावी तैयारी को दर्शाता है।

भविष्य की संभावनाएं

मनोज झा ने संकेत दिया कि राजद के लिए सभी विकल्प खुले हैं। इसका मतलब है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अलग चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हो सकते हैं। यह स्थिति झारखंड के राजनीतिक माहौल को और अधिक जटिल बना सकती है।

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यह विवाद झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ दर्शाता है, जहां सहयोगी दलों के बीच आपसी मतभेदों के चलते चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है। आगे आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि राजद अपनी स्थिति को कैसे संभालता है और क्या कोई नया गठबंधन या समझौता होता है।

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