अखिलेश यादव के लिए सीट बंटवारा बनी एक बड़ी चुनौती, जानिए कहा फंसा मामला
सबसे बड़ी चुनौती अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ सीट बंटवारा
लखनऊ उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत के लिए समाजवादी पार्टी अपनी एड़ी-चोटी का जोड़ लगा रही हैं। पार्टी ने जातीय समीकरण और दुरुस्त करने के लिए लगातार गठबंधन किया है। जानकारों की मानें तो सहयोगियों का दायरा जरूर बढ़ रहा है लेकिन टिकट वितरण को लेकर मामला फसा हुआ है। अखिलेश के लिए सीट बंटवारा बड़ा सिरदर्द बन गया है। गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर दो दलों के साथ सबसे ज्यादा खींचतान थी, जिसमें से एक आरएलडी के साथ अखिलेश ने काफी हद तक मुद्दा सुलझा लिया है। अब सबसे बड़ी चुनौती अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ सीट बंटवारे को लेकर है।
सीट बटवारे कोो लेकर ही हुआ था टकरार
अखिलेश और शिवपाल के बीच टिकट को लेकर घमासाम इतना बढ़ा की परिवार दो पार्टियों में बंट गया। शिवपाल ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई। समाजवादी पार्टी से अखिलेश ने अपनों को टिकट दिया तो शिवपाल ने सपा से असंतुष्ट नेताओं को प्रसपा से टिकट देकर चुनाव लड़ाया।टिकट बंटवारे को लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव में अलग हुए चाचा-भतीजे यूपी विधानसभा 2022 में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। अब दोनों दलों के नेता अपनी-अपनी टिकटों की दावेदारी कर रहे हैं। अखिलेश यादव चाचा शिवपाल यादव को कौन-कौनसी सीटे देंगे ये भी उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं।
सीट बटवारे को लेकर आज होगा फैसला
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सपा के सामने अभी दो चुनौतियां हैं। एक तो अपने लोगों को मनाए रखना। दूसरा प्रसपा के लोगों की महत्वकांक्षा को ध्यान में रखना है। हालांकि अभी पार्टी की ओर से कोई भी सीट शेयरिंग का फार्मूला तय नहीं किया गया है। लेकिन सोमवार को शिवपाल और अखिलेश के बीच बैठक के बाद इस पर फैसला हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव सीट बंटवारे को लेकर गुणा-भाग कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी 403 सीटों में से करीब 355 से 360 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। बाकी सीटें गठबंधन वाले दलों को दी जाएंगीं। इसके अलावा कुछ दूसरे दलों के प्रमुख चेहरों पर अखिलेश सपा के पार्टी सिंबल से ही चुनावी मैदान में उतार सकते हैं।