गांधी परिवार के नाम पर रखी एक और स्कीम का बदलेगा नाम! शुरू हुआ विवाद
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के बाद से यह कयास लगाया जा रहा है कि कुछ योजनाओं का नाम भी बदला जा सकता है, गांधी परिवार के नाम पर हैं। नाम बदले जाने को लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है और विपक्ष इसे प्रतिशोध की राजनीति बता रहा है। कर्नाटक कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बीजेपी नेता सीटी रवि के ट्वीट पर कहा इंदिरा कैंटीन के नाम में बदलाव की मांग कुछ और नहीं बल्कि प्रतिशोध की राजनीति है। भाजपा के नेतृत्व के नाम पर बहुत सारे कार्यक्रम (नाम) हैं। क्या हमने उन नामों को बदलने की मांग की थी?
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि दीन दयाल उपाध्याय फ्लाईओवर, अटल बिहारी वाजपेयी कार्यक्रम, अहमदाबाद में मोदी के नाम पर स्टेडियम, दिल्ली में अरुण जेटली स्टेडियम है। क्या हमें उन नामों को बदलने की मांग करनी चाहिए? खेल रत्न में राजीव गांधी का नाम था। वे इसे क्यों बदलना चाहते थे? पीएम जवाब दें।
यह अवॉर्ड देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों घोषणा की है कि राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड होगा। पीएम मोदी ने कहा कि देशवासियों के आग्रह के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है। पीएम ने ट्विटर के जरिए यह ऐलान किया। यह अवॉर्ड देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान है। पहली बार यह पुरस्कार 1991-92 में दिया गया था।
पीएम बोले- देशवासियों के आग्रह पर बदा गया नाम
पीएम ने ट्विटर पर लिखा, ‘ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए।