69000 शिक्षक भर्ती में घोटाले का खुलासा: अभ्यर्थियों ने की नयी और पारदर्शी सूची की मांग
आरोप लगाए गए हैं कि भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भाजपाई घपले और भ्रष्टाचार हुए हैं, जिससे कई अभ्यर्थियों के अधिकार प्रभावित हुए हैं।
यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला अब एक बार फिर सुर्खियों में है। इस भर्ती की प्रक्रिया में कथित घोटालों और भ्रष्टाचार की खबरों ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। आरोप लगाए गए हैं कि भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भाजपाई घपले और भ्रष्टाचार हुए हैं, जिससे कई अभ्यर्थियों के अधिकार प्रभावित हुए हैं।
इस मुद्दे को लेकर अभ्यर्थियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है और उनकी मांग है कि भर्ती प्रक्रिया को दोबारा से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से किया जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्तमान में जो सूची तैयार की गई है, वह पूरी तरह से भ्रष्टाचार की शिकार हो चुकी है और इससे न्यायपूर्ण नियुक्तियों की संभावना नहीं के बराबर है। वे चाहते हैं कि एक नई और निष्पक्ष सूची तैयार की जाए, जिससे प्रदेश में भाजपा काल में बाधित हुई शिक्षा व्यवस्था को पुनः ठीक किया जा सके।
अभ्यर्थियों का कहना है कि वे नयी सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हक़मारी या नाइंसाफ़ी न हो। उनका मानना है कि यह उनकी संयुक्त शक्ति की जीत है और वे इस संघर्ष में मिली जीत को सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हैं। साथ ही, उन्होंने नव नियुक्तियों के लिए शुभकामनाएँ भी दी हैं।
भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों के बीच, यह आंदोलन न केवल अभ्यर्थियों की कानूनी और सामाजिक लड़ाई का प्रतीक है, बल्कि यह प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। अभ्यर्थियों ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उनकी सरकार की कार्यप्रणाली ने शिक्षा क्षेत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
अभ्यर्थियों के साथ उनके समर्थन में खड़े राजनीतिक दलों और समाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर जोर दिया है और नई सूची के लिए संघर्ष का समर्थन किया है। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि लोगों ने भ्रष्टाचार और घपले के खिलाफ अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा होना शुरू कर दिया है और यह कि भविष्य में ऐसी समस्याओं को हल करने के लिए समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है।
#नहीं_चाहिए_भाजपा के नारे के साथ, यह आंदोलन यह दर्शाता है कि लोगों ने अपनी आवाज़ उठाने का साहस दिखाया है और वे एक न्यायपूर्ण और पारदर्शी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
“69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी माँग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नयी सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियाँ संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा- व्यवस्था पुनः पटरी पर आ आ सके। हम नयी सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हक़मारी या नाइंसाफ़ी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे से कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएँगे।
ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएँ!
#नहीं_चाहिए_भाजपा”