SC ने मनीष सिसोदिया की जमानत शर्तों में दी राहत
SC ने बुधवार, 11 दिसंबर 2024 को जमानत शर्तों में राहत दी। अब उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी।
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में SC ने बुधवार, 11 दिसंबर 2024 को जमानत शर्तों में राहत दी। अब उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी।
जमानत शर्तों में बदलाव का आदेश
SC ने सुनवाई के दौरान कहा कि नियमित जांच में सहयोग के लिए बार-बार उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है।
- पूर्व शर्त: पहले सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होना अनिवार्य था।
- नई राहत: अब उन्हें केवल आवश्यकतानुसार जांच अधिकारी के समन पर उपस्थित होना होगा।
सिसोदिया के खिलाफ मामलों का विवरण
मनीष सिसोदिया के खिलाफ दो प्रमुख एजेंसियों द्वारा मामले दर्ज किए गए हैं:
- सीबीआई का भ्रष्टाचार मामला:
- दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप।
- आरोप है कि सिसोदिया ने नीति निर्माण में गड़बड़ी कर कुछ शराब वितरकों को लाभ पहुंचाया।
- ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला:
- प्रवर्तन निदेशालय ने सिसोदिया पर धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के आरोप लगाए हैं।
- ईडी ने दावा किया कि भ्रष्टाचार से अर्जित धन को विभिन्न तरीकों से वैध बनाया गया।
SC द्वारा दी गई जमानत
SC ने सिसोदिया को दोनों मामलों में जमानत दी है, जिसमें उन्हें कुछ शर्तों का पालन करना था।
- जमानत की शर्तें: पहले, उन्हें नियमित रूप से जांच अधिकारियों से संपर्क करना और सहयोग करना था।
- जमानत में राहत: अब, नियमित उपस्थिति की बाध्यता हटाकर जांच में लचीलापन प्रदान किया गया है।
सिसोदिया का पक्ष
सिसोदिया और उनके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि बार-बार उपस्थित होने की शर्त उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
- राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप: सिसोदिया ने इसे केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बताया है।
- आरोपों से इनकार: उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खुद को निर्दोष बताया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
SC के इस निर्णय पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं।
- AAP का समर्थन: आम आदमी पार्टी ने इसे न्याय और सच्चाई की जीत बताया।
- विपक्ष की आलोचना: भाजपा ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में राहत दी गई है।
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राहत के बाद आगे की राह
SC द्वारा दी गई राहत मनीष सिसोदिया के लिए बड़ी कानूनी जीत है।
हालांकि, उनके खिलाफ मामलों की जांच जारी है और भविष्य में कानूनी और राजनीतिक दांवपेंच बने रहेंगे।
यह मामला दिल्ली की राजनीति और केंद्र-राज्य संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।