संविधान पीठ ने शुरू की 370 पर सुनवाई, देश दुनिया की नज़र
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 रद्द करने के बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाईं गई थी | अब इन सभी याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई | संविधान बेंच ने कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 5 हफ्ते का वक्त दिया है | इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 नबंवर को होगी |
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कश्मीर को लेकर दायर सभी याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया है | इन याचिकाओं में कश्मीर में पत्रकारों के आने-जाने पर लगाए गए कथित प्रतिबंधों का मामला उठाने वाली याचिकाएं और घाटी में नाबालिगों की कथित अवैध हिरासत का दावा करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं | जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली संविधान बेंच में कश्मीर मामले से जुड़े मामलों की सुनवाई मंगलवार से शुरू हुई |
जब कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधानों को किया गया निरस्त
सरकार ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर दिया है | यही नहीं, सरकार ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करते हुए दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया है | इस फैसले के बाद से ही कश्मीर में तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं | कई अलगाववादी नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद करके रखा गया है | कश्मीर और श्रीनगर में नेताओं के दौरे पर पाबंदी है | वहीं, मोबाइल सर्विस और इंटरनेट भी बंद है | इन्हीं पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है |
जस्टिस रंजन गोगोई द्वारा गठित की गई संविधान पीठ
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शनिवार को एक संविधान पीठ गठित की थी | पीठ के सदस्यों में जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं |