सुप्रीम कोर्ट का सबरीमाला पर केरल सरकार को ‘सुप्रीम’ निर्देश, दिया चार हफ्ते का समय
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सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार से कहा है कि वो चार हफ्ते में सबरीमाला अयप्पा मन्दिर के प्रशासन और दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए अलग से क़ानून पेश करे | कोर्ट ने पिछले साल अगस्त में केरल सरकार को सबरीमला मन्दिर के लिए नया क़ानून लाने के लिए कहा था |
राज्य सरकार सिर्फ सबरीमाला मंदिर के लिए कानून लाने के बजाए इस क्षेत्र के कई अन्य मंदिरों के लिए भी कानून लेकर आई थी लेकिन कोर्ट ने अब इसपर ऐतराज जताते हुए सिर्फ सबरीमाला के लिए कानून तैयार करने की बात कही है |
हालांकि राज्य सरकार ने त्रावनकोर-कोचीन रिलीजियस इंस्टिट्यूशन एक्ट का ड्राफ्ट पेश किया | क्योंकि सरकार सबरीमाला और बाकी मंदिरों के लिए संयुक्त रूप से क़ानून लाना चाह रही थी | लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ऐतराज जाहिर किया |
कोर्ट ने कहा- सबरीमाला मन्दिर के लिए अलग से क़ानून होना चाहिए | कोर्ट ने सरकार को क़ानून लाने के लिए अगले साल जनवरी के तीसरे हफ्ते तक का वक़्त दिया है |
त्रावणकोर-कोचीन रिलीजियस इंस्टिट्यूशन एक्ट में राज्य सरकार द्वारा लाये गए संशोधन के मुताबिक मन्दिर सलाहकार समिति में महिलाओं के लिए एक-तिहाई कोटा आरक्षित किये जाने का प्रावधान है |
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि पैनल में महिलाओं (Women) को जगह किस आधार पर दिया जा रहा है, जबकि अभी 7 जजों की बेंच को धार्मिक परंपराओं से जुड़े बड़े संवैधानिक पहलुओं पर विचार करना है |