‘मंगलसूत्र 1.2’ के ऐड पर चेतावनी:MP के गृहमंत्री बोले- 24 घंटे में ऐड नहीं हटा तो FIR;
हिम्मत है तो दूसरे धर्म पर विज्ञापन बनाकर दिखाएं
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी के विवादित मंगलसूत्र विज्ञापन पर सख्त रुख अपनाया है। नरोत्तम मिश्रा ने चेतावनी दी है कि अगर यह विज्ञापन अगले 24 घंटे में नहीं हटाया गया तो एफआईआर दर्ज की जाएगी।
मंत्री ने सब्यसाची को चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि अगर आप में हिम्मत है, तो किसी दूसरे धर्म पर इस प्रकार का विज्ञापन बनाकर दिखाएं।
मॉडल के इंटिमेंट ड्रेस पहनने पर है बवाल
सब्यसाची ने चार दिन पहले एक ज्वेलरी कलेक्शन सेट लॉन्च किया था। उन्होंने इस कलेक्शन को ‘द रॉयल बंगाल टाइगर आइकन’ नाम दिया है। पूरा विवाद इस सेट के एक मंगलसूत्र के विज्ञापन पर है। इस मंगलसूत्र को कंपनी ने ‘द रॉयल बंगाल मंगलसूत्र 1.2’ नाम दिया है। इस विज्ञापन का फोटो सामने आते ही विवाद खड़ा हो गया।
दरअसल, विज्ञापन में एक महिला और पुरुष को दिखाया गया है। महिला ने विज्ञापन में काले रंग की इंटिमेट ड्रेस के साथ मंगलसूत्र पहना हुआ है। विज्ञापन सोशल मीडिया पर सामने आते ही लोग बोलने लगे कि ये मंगलसूत्र का ऐड कहां से दिख रहा है? विज्ञापन कर रही महिला का नाम वर्षिता तटावर्ती है। वहीं, पुरुष मॉडल का नाम प्रतेयिक जैन है।
हिंदू संगठनों ने किया विरोध
सब्यसाची के इस विवादित विज्ञापन के सामने आते ही हिंदू संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इस विज्ञापन को लेकर लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। उनका कहना है कि जब भी कोई हिंदू त्योहार आता है, उसी दौरान सभी की क्रिएटिविटी क्यों सामने आती है? संगठनों का कहना है कि ये विज्ञापन हिंदू रीति-रिवाज पर हमला है। शादी जैसे पवित्र रिश्ते को भी ये कंपनियां खराब और धूमिल करने में जुटी हैं।
लोगों ने जमकर ट्रोल किया है ये विवादित विज्ञापन।
शिवजी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है
गृहमंत्री मिश्रा ने कहा है कि मैंने डिजाइनर मुखर्जी का मंगलसूत्र का विज्ञापन देखा, जो बेहद आपत्तिजनक है। आभूषणों में सर्वाधिक महत्व धार्मिक दृष्टि से मंगलसूत्र का होता है। हम मानते हैं कि मंगलसूत्र का पीला हिस्सा मां पार्वती हैं और काले हिस्से में भगवान शिव। शिवजी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है। मां पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है।
उन्होंने कहा कि आप में हिम्मत है, तो किसी दूसरे धर्म पर इस प्रकार का विज्ञापन बनाकर दिखाएं। मुझे इस बात को लेकर बेहद आपत्ति है कि तमाम चेतावनी के बाद भी हिंदू धर्म और उसके प्रतीकों के साथ छेड़छाड़ जारी है, जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे विवाद
पिछले महीने भी फैब इंडिया के एक विज्ञापन पर बवाल हुआ था। जिसमें बिग बजार ने दिवाली को जश्न-ए-रिवाज बताया था। उस दौरान लोगों ने कहा था कि हिंदू त्योहारों का नाम ही क्यों हर बार बदला जाता है। अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में करवाचौथ के एक विज्ञापन को लेकर डाबर को माफी मांगनी पड़ी थी।