शशिकला ने राजनीति से लिया संन्यास, लोगों से की यह अपील
चेन्नई, तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियानों की शुरुआत के बीच एक बड़ा सियासी उलटफेर सामने आया है। अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वीके शशिकला ने बुधवार को राजनीति से दूर रहने की घोषणा की। शशिकला ने बयान जारी कर कहा कि वह राजनीति छोड़ रही हैं। हालांकि उन्होंने अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुट रहें और प्रतिद्वंद्वी पार्टी द्रमुक की हार सुनिश्चित करें। शशिकला ने यह भी कहा कि मैं अम्मा (जयललिता) के बताए रास्ते पर चलते हुए लोगों की भलाई के लिए काम करूंगी।
एक बयान जारी कर शशिकला ने कहा कि उन्होंने खुद को राजनीति से अलग कर लिया है और जयललिता के स्वर्णिम शासन के लिए प्रार्थना करती हैं। उन्होंने कहा कि वह हमेशा जयललिता के सपने पूरे होने की प्रार्थना करती रहेंगी। शशिकला ने कहा कि उन्हें न पद की लालसा है और न ही अधिकारों की। उन्होंने कहा, ‘हमें यह सुनिश्चित करने के लिए मेहनत से काम करना चाहिए कि द्रमुक सत्ता में नहीं आने पाए। मैं कार्यकर्ताओं और तमिलनाडु की जनता की शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे उचित सम्मान और स्नेह दिया।
शशिकला ने कहा कि मैं जयललिता के सपनों को पूरा करते हुए अपना जीवन बिताना चाहूंगी। उन्होंने विधानसभा चुनावों में अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं को एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि हम सभी को सुनिश्चित करना होगा कि तमिलनाडु में एमजीआर का शासन जारी रहे। अम्मा (जयललिता) ने कहा था कि डीएमके और उसके सहयोगी दुष्ट ताकते हैं जिनको हराने के लिए काम किया जाना चाहिए। मैं राजनीति से दूर रहना चाहती हूं लेकिन दुआ करती हूं कि राज्य में एकबार फिर अम्मा का ही शासन आए।
ये भी पढ़ेैं-भाजपा की जिला बैठक में पंचायत चुनाव की रणनीति को दिया जायेगा अन्तिम रूप
मालूम हो कि शशिकला भ्रष्टाचार के मामले में चार साल की सजा काटने के बाद इस साल 27 जनवरी को जेल से रिहा हुई थीं। माना जा रहा था कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल से निकलने के बाद वह तमिलनाडु की राजनीति में आकर जयललिता की विरासत को संभालेंगी। तमिलनाडु की राजनीति में शशिकला का काफी असर माना जाता रहा है। उनकी रिहाई से तमिलनाडु में सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया था लेकिन अब उनके इस्तीफे से सूबे में नया राजनीतिक समीकरण बनने की उम्मीद है।
बता दें कि अन्नाद्रमुक अभी तक शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाले एएमएमके को पार्टी में समायोजित करने या उसके साथ गठबंधन करने से इन्कार करती रही है। तमिलनाडु में छह अप्रैल से चुनाव होंगे जबकि दो मई को मतों की गिनती की जाएगी। तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटे हैं। मौजूदा विधानसभा में अन्नाद्रमुक के पास 136 विधायक हैं। वहीं डीएमके के पास 89 एमएलए हैं। कांग्रेस के पास सात जबकि इंडियन मुस्लिम लीग के पास पांच सीटें हैं। राज्य विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 24 मई 2021 को खत्म हो रहा है।