सीएसए के अनियमितताओं पर सासंद ने कृषि मंत्री से की शिकायत
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में किसी नियम कानून का पालन होता ही नहीं है। इस बात का अंदाजा हाल ही में केसरगंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृज भूषण शरण सिंह के शिकायती पत्र से लगाया जा सकता है।
प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही से सासंद ने लिखित में एक पत्र के माध्यम से शिकायत की है। जिसके बाद कृषि मंत्री के निर्देश पर विशेष सचिव कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान ने सीएसए के कुलपति से विस्तृत आख्या मांगी थी। जिसका सूत्रों के मुताबिक कुलपति ने कोई जवाब शासन को नहीं भेजा और शासन के नियमों की धज्जियां लगातार उड़ा रहे हैं। पत्र में सांसद ने स्पष्ट किया है जनवरी 2020 में प्रबंध मंडल के निर्देशों के बाद कैस के अंतर्गत कराए गए साक्षात्कार के परिणाम अभी तक घोषित नहीं है और कुलपति ने अपने कुछ चहेतों को प्रोन्नति देने के लिए नए आवेदन मांग लिए हैं और यह वही वैज्ञानिक है जो पूर्व में वीसी लिए योग्य नहीं पाए गए थे। पत्र में शासनादेश के तहत केवीके में नियुक्त प्राप्त वैज्ञानिकों को तुरंत मुख्यालय से बाहर केवीके केंद्रों पर भेजने की बात भी कही गई है, परंतु कुलपति ने उक्त के विपरीत केवीके अलीगढ़ के प्रभारी डॉ अरविंद कुमार सिंह को संबद्ध कर अपर निदेशक प्रसार का प्रभार दे दिया है। जिनकी नियुक्त कुलाधिपति द्वारा 1994 में ही अवैध घोषित कर उनकी सेवा समाप्त का आदेश दे चुके हैं। परंतु डॉ सिंह न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर कार्यरत हैं और अचरज की बात यह है कि वह प्रोन्नत भी पा रहे हैं। जबकि नियमानुसार स्थगन आदेश पर होने पर कोई भी वैज्ञानिक प्रोन्नति नहीं पा सकता। आगे बात करें अगर डा. अजय कुमार दुबे की तो भ्रष्टाचार की जांच के लिए पत्र आने के बाबत उस पर कोई जांच कराने की बजाए कुलपति ने उनको विश्वविद्यालय में सयुंक्त निदेशक शोध तथा उद्यान विज्ञान का प्रभार दे दिया। विश्वविद्यालय में अनेकों वैज्ञानिकों के पदनाम, वेतनमान व सेवा संबंधी नियमों को बिना शासन की अनुमति की परिवर्तित कर दिया गया है। शोध सहायकों एवं केवीके वैज्ञानिकों को नियम विरूद्ध सत्र लाभ दिया जा रहा है। शासन जब आख्या विश्व विद्यालय से मांगता है तो विश्वविद्यालय उनको तथ्यों से परे या अधूरी जानकारी उपलब्ध करा देता है या फिर कोई प्रति उत्तर ही नहीं देता। जिससे भ्रष्टाचार और अनियमिताओं में बढ़ोत्तरी हो रही है।