आरिफ के बिना नहीं रहा सारस, तो आरिफ को भेजा नोटिस

राजकीय पक्षी सारस और अमेठी के आरिफ की दोस्ती की देश भर में चर्चा है। पूरे नगर का हर बाशिंदा इस दोस्ती से वाकिफ है। पक्षी और मानव की इस जुगलबंदी को देश भर में खूब पसंद भी किया जा रहा था; लेकिन फिर एक नए मोड़ के साथ दोस्ती पर फुल स्टॉप लग गया।
दरअसल बीते मंगलवार को वन विभाग की एक टीम ने आरिफ से सारस को अलग कर उसे रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार ले गई। सारस को आरिफ से वन विभाग के लोग ज़बरान ले गए थे, जिसका जिक्र आरिफ ने बाद में मीडिया से भी किया। उन्होंने कहा था कि वह गरीब किसान आदमी हैं और अधिकारियों से नहीं लड़ पाएंगे। आरिफ ने अपने दोस्त के साथ अलग होने का वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया तो अखिलेश यादव समेत कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। अखिलेश यादव ने सारस का वीडियो ट्वीट कर लिखा की की वन विभाग की टीम सारस को स्वतंत्र करने के नाम पर उसको उसके दोस्त से अलग कर रही है, साथ ही साथ आम जनता ने भी इस पर बराबर की प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि सारस आपके पास वापस उड़ के आजेगा, आदि।

राजनीति का शिकार बनी पक्षी मानव की दोस्ती।

जब अमेठी के प्रशासनिक अमले को जानकारी हुई कि आरिफ के पास सारस है तो वह उसकी पड़ताल करने उसके गांव पहुंचे, जहां उन्होंने सारस को देखा और बिना कोई भी प्रतिक्रिया दिए वन विभाग के लोग गांव से लौट गए। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि पक्षी आराम से खेतों में घूम रहा है, उसे वहां कोई कष्ट नहीं है। लेकिन जैसे ही 3 दिन बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अमेठी के दौरे पर जाकर आरिफ और सारस की दोस्ती को देखते हैं। आरिफ से उनकी मुलाकात करते हैं, उसके कुछ ही क्षण बाद वन विभाग की टीम फिर से आरिफ के पास पहुंच जाते हैं और सारस को कैद करके रायबरेली के समरपुर पक्षी विहार में ले जटते हैं। कुछ दिन वे प्यार के भूखे इस मूक पक्षी को जैसे-तैसे रोक लेते हैं; लेकिन जैसे ही सारस को मौका मिलता है वह वहां से उड़कर आरिफ के गांव पहुंच जाता है। कई घंटों की मशक्कत के बाद उसे फिर से पकड़ कर लाया जाता है। अब सारस को आरिफ से बहुत दूर कानपुर भेज दिया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

पक्षी मानव की मित्रता के दुश्मन बने वन अधिकारी।

अमेठी के उप प्रभागीय वनाधिकारी गौरीगंज ने सारस रखने वाले मोहम्मद आरिफ को नोटिस भेजा है।
वन विभाग के अधिकारी ने नोटिस भेजते हुए बयान दर्ज कराने के लिए तिथि भी निर्धारित की गई है।
वन विभाग के सहायक वन संरक्षक उप प्रभागीय वनाधिकारी गौरीगंज अमेठी रणवीर मिश्र ने मुकदमा दर्ज कर वन जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9,29,51,52 का उलंघन करने के कारण अभियुक्त का नामजद दर्ज होने के बाद नोटिस भेजा है।

कैसे हुई थी सारस आरिफ की दोस्ती

कैसे हुई थी सारस और आरिफ की दोस्ती?
राजकीय पक्षी सारस आरिफ को जख्मी हालत में खेत में मिला था, इंसानियत की मिसाल कायम करते हुए आरिफ ने उसे वहां से निकल कर अपने घर में शरण दी थी, व साथ ही साथ उसका इलाज भी किया था। हालत पूरी तरह से सुधरने के बाद जब आरिफ ने सोचा की सारस अपने लोगों के बीच वापस चला जाए तो वह उसको खेतों में वापस छोड़ आया। सारस भी आरिफ में अपने दोस्त को पा चुका था, और वह वापस आरिफ के पास आगया। दोनों की दोस्ती ने देश भर में खूब प्यार बटोरा, आपको बता दें की दोनो मित्र एक की साथ खाने खाते है व घूमने भी जाते हैं। अरसों में कुछ ही ऐसे मानवता को गौरवान्वित करने वाले दृश्य देखने को मिलते हैं। लोगों को इस समय आरिफ और सारस के पक्ष में खड़े होने की जरूरत है। साथ ही वैमनस्य की राजनीति करने वालों को सोचने की जरूरत है कि ऐसे कदम उठाने से एक इंसानियत के पुजारी मनुष्य और दूसरी तरफ एक मूक पक्षी को कितना कष्ट होगा? हो सकता है कि इससे पक्षी जी न सके, क्योंकि कहा जाता है कि सारस अपने साथी से बिछड़ने पर दम.तोड़ देता है। ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों को क्रूरता छोड़कर इंसानियत का परिचय देना चाहिए।

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