Sansad शीतकालीन सत्र: विपक्षी हंगामे के बाद दोनों सदन पूरे दिन के लिए स्थगित
Sansad के दोनों सदन असामयिक रूप से स्थगित हो गए, जब विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ हंगामा किया। इन विरोध प्रदर्शनों के कारण,
सोमवार को Sansad के दोनों सदन असामयिक रूप से स्थगित हो गए, जब विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ हंगामा किया। इन विरोध प्रदर्शनों के कारण, Sansad के कार्यों में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हो पाई। विपक्षी सदस्य विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे थे, लेकिन उनका कहना था कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करने से बच रही थी। इनमें दिल्ली में किसान आंदोलन, मणिपुर संघर्ष, और विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के एशिया पैसिफिक डेमोक्रेटिक लीडर्स फोरम (FDL-AP) के जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ कथित संबंधों पर बयान शामिल थे।
विपक्षी दलों का विरोध
विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह Sansad में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बच रही है। वे चाहते थे कि किसानों के मुद्दे, मणिपुर के हालात और सोनिया गांधी के फोरम पर सरकार की टिप्पणियों पर विस्तार से चर्चा की जाए। खासकर, भाजपा ने सोनिया गांधी के फाउंडेशन को जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन से जोड़ते हुए इसे भारत को अस्थिर करने की साजिश बताया। विपक्षी दलों का कहना था कि ये आरोप बिना आधार के हैं और इस पर खुलकर चर्चा की जानी चाहिए।
Sansad की कार्यवाही में व्यवधान
सोमवार को Sansad में तीन असमय स्थगन हुए, जिससे कोई भी महत्वपूर्ण कार्यवाही पूरी नहीं हो पाई। लोकसभा में, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का रेल संशोधन बिल 2024 पर जवाब देने का कार्यक्रम पिछले गुरुवार से लंबित था, लेकिन विपक्षी हंगामे के कारण यह जवाब नहीं दिया जा सका। इन स्थगनों ने संसद की कार्यवाही को पूरी तरह से बाधित कर दिया, जिससे विपक्षी दलों के विरोध और सरकार के बीच टकराव का माहौल बना रहा।
सरकार का रुख और विपक्ष की नाराजगी
सरकार ने विपक्षी आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह साजिशें और आरोप केवल सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए उठाए जा रहे हैं। भाजपा के सांसदों ने कहा कि सोनिया गांधी और उनके फोरम का जॉर्ज सोरोस से कोई संबंध नहीं है, और यह आरोप केवल राजनीति का हिस्सा हैं। हालांकि, विपक्षी सदस्य इस पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहे थे, जो सरकार द्वारा अनदेखी की जा रही थी।
आगे की स्थिति
सोमवार का दिन विपक्षी हंगामे के कारण Sansad में कोई प्रगति नहीं कर सका। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि संसद के अगले सत्रों में इस मुद्दे पर और अधिक बहस होगी। वहीं, सरकार ने भी कहा है कि वह सदन के नियमों का पालन करते हुए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी गैर-संविधानिक तरीके से सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
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सोमवार को Sansad में जो स्थिति बनी, उसने यह स्पष्ट कर दिया कि विपक्षी दलों और सरकार के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं। दोनों सदनों की कार्यवाही को विपक्ष के हंगामे ने रोक दिया, और विपक्ष ने सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की। यह संकेत देता है कि संसद के आगामी सत्रों में इस तरह के गतिरोध और विरोध प्रदर्शन जारी रह सकते हैं, जिससे देश की संसद की कार्यवाही में और अधिक बाधाएं आ सकती हैं।