किसानों के मुद्दे पर फिर सदन में बोले संजय सिंह- दया करो और कृषि कानूनों को वापस लो
आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने एक बार फिर किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) पर निशाना साधा है। संजय सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में किसानों के मुद्दे पर चल रही कार्यवाही के दौरान मोदी सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की। इसके साथ ही संजय सिंह ने सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि ये कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि चार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाए गए हैं।
सिंह ने कृषि कानून का बताया काला कानून
राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए आप सासंद संजय सिंह ने नए कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 76 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और उन्हें ‘आतंकवादी, गद्दार, खालिस्तानी’ कह कर अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ नेता किसानों को अपमानित कर रहे हैं।
आंदोलन के दौरान 165 किसानों की मौत
उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन वह असफल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि वह एक फोन कॉल पर बातचीत के लिए तैयार है, ऐसे में खुद सरकार को ही फोन कर पहल करनी चाहिए। सिंह ने कहा कि आंदोलन के दौरान 165 किसानों की मौत हो चुकी है और कई वयोवृद्ध किसान भी आंदोलन में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को नए कानून समझ में आ गया है जिसमें असीमित भंडारण की छूट दी गयी है।
चार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाए गए ये कानून
आप नेता ने दावा किया कि असीमित भंडारण की सुविधा देने से जमाखोरी और काला बाजारी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार 130 करोड़ लोगों के लिए नहीं बल्कि चार पूंजीपतियों के लिए है जिनसे चंदा लेकर वे चुनाव लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के इस आंदोलन का समर्थन करती रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि वे किसानों के लिए पानी और शौचालय आदि का इंतजाम कर रहे हैं लेकिन सरकार उन्हें रोक रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई घटना के लिए भाजपा के कार्यकर्ता दोषी हैं।