अब महाराष्ट्र में शिवसेना ने बीजेपी को दी सीधी चेतावनी, लिया दुष्यंत का नाम
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद एनडीए गठबंधन की सरकार बनने वाली है, ये साफ है । लेकिन इस गठबंधन से शिवसेना और बीजेपी, दोनों में से किसके हाथ मे सरकार की कमान होगी, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है । दोनों पार्टियां मुख्यमंत्री पद के लिए खींचतान कर रही है । ऐसे में शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी को प्रत्यक्ष रूप से चेतवानी देते हुए कहा है से बीजेपी शिवसेना को महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन के लिए विकल्प ढूंढ़ने पर विवश न करे । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नही है जिसके पिता जेल में हो ।
शिवसेना नेता संजय राउत ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा, ‘हम गठबंधन (भाजपा के साथ) में विश्वास करते हैं । लेकिन बीजेपी को हमें सरकार गठन के लिए अन्य विकल्प ढूंढ़ने को विवश नहीं करना चाहिए ।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘राजनीति में कोई संत नहीं होता है । हालांकि दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है । लेकिन साथ ही उन्होंने दावा किया कि दोनों दल सत्ता में ‘बराबर भागीदारी’ पर सहमत हुए थे और इस संबंध में मुंबई में घोषणा भी की गई थी ।
बीजेपी का भी स्वागत
गौरतलब है कि बीजेपी द्वारा महाराष्ट्र में पूर्ण बहुमत जुटा लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे इसका स्वागत करेंगे । बता दें कि राउत संसद में शिवसेना के मुख्य सचेतक और पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक हैं । राउत की ये बात वरिष्ठ सहयोगी बीजेपी को ये संकेत है कि उससे परे सरकार गठन शिवसेना के लिए पूरी तरह असंभव नहीं है । वहीं चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के तबकों की ओर से ऐसे संकेत मिलते रहे हैं कि राज्य में बीजेपी से परे सरकार गठन का शिवसेना का कदम हकीकत में बदल सकता है । हालांकि कांग्रेस-एनसीपी की ओर से इस बारे में औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है ।
बता दें कि कि राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है । राजग के घटक दलों में से भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है । वहीं शिवसेना को 56 सीट मिली हैं । लेकिन सालो से साथ रही शिवसेना और बीजेपी में सत्ता को लेकर टकराव बढ़ने लगा है । जहां बीजेपी राज्य में पूर्ण रूप से अपना वर्चस्व चाहती है, वही शिवसेना सत्ता में बराबरी की मांग कर रही है ।