Sanjay Raut ने कांग्रेस पर साधा निशाना; MVA के CM FACE पर कही बड़ी बात
Sanjay Raut ने आगे कहा कि एक मजबूत और एकजुट विपक्ष का होना बेहद जरूरी है। यदि सभी सहयोगी दल एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरते, तो वे भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते थे।
Sanjay Raut | हरियाणा में कांग्रेस की हार पर शिवसेना का बयान
हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद उसके सहयोगी दल भी पार्टी पर निशाना साधने लगे हैं। शिवसेना (यूबीटी) के Sanjay Raut राउत ने कहा है कि कांग्रेस की हार का मुख्य कारण अतिआत्मविश्वास था। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपने सहयोगियों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति बनानी चाहिए थी, ताकि एकजुट होकर मुकाबला किया जा सके।
जम्मू-कश्मीर के चुनाव परिणामों का महत्व
Sanjay Raut ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणामों को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव भाजपा के लिए खास मायने रखते हैं, क्योंकि पार्टी ने वहां अनुच्छेद 370 को हटाया था और उसी मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। राउत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा की हार लोगों का एक बड़ा संदेश है, जो यह दर्शाता है कि मतदाता अब भाजपा की नीतियों से असंतुष्ट हैं।
हरियाणा में कांग्रेस की रणनीति पर सवाल
Sanjay Raut ने स्पष्ट किया कि हरियाणा में कांग्रेस की हार इस बात का प्रमाण है कि पार्टी को ओवर कॉन्फिडेंस के चलते नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह लगा कि वह अकेले चुनाव जीत सकती है, लेकिन यह एक गलत धारणा थी। अगर कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी (AAP) या अन्य छोटे दलों के साथ सीटें साझा की होती, तो परिणाम निश्चित रूप से अलग होते।
Sanjay Raut ने आगे कहा कि एक मजबूत और एकजुट विपक्ष का होना बेहद जरूरी है। यदि सभी सहयोगी दल एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरते, तो वे भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते थे। उन्होंने कहा कि इस हार से कांग्रेस को सबक लेना चाहिए और भविष्य में अपने सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल बनाना चाहिए।
आगे की रणनीति
राउत ने जोर देकर कहा कि इंडी गठबंधन को अपनी रणनीति पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। यह आवश्यक है कि सभी सहयोगी दल एक साथ आकर भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाएं। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो भविष्य के चुनावों में हार का खतरा और बढ़ जाएगा।
हरियाणा में कांग्रेस की हार ने यह साबित कर दिया है कि एकता में ही शक्ति है। अब देखना होगा कि कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल इस सीख से कितनी जल्दी सबक लेते हैं और अपनी रणनीतियों में सुधार करते हैं।