समाजवादी पार्टी की छात्र सभा का अभियान ‘नो फीस केजी टू पीजी’, अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव ने न्यूज़ नशा से कि बातचीत
समाजवादी पार्टी के छात्र सभा ने उत्तर प्रदेश में फीस माफ करने की मांग को लेकर अभियान चलाया है, जिसका नाम नो फीस केजी टू पीजी दिया है. सपा के छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने बलिया से लेकर नोएडा तक जगह-जगह होर्डिंग और बैनर लगाकर योगी सरकार तक संदेश पहुंचाने की कवायद शुरू की है.
गुजरात सरकार ने राज्य के स्व-वित्तपोषित स्कूलों को निर्देश दिया है कि जब तक वे बंद हैं, तब तक छात्रों से फीस न ली जाए. ऐसे ही मांग उत्तर प्रदेश में भी उठने लगी है. समाजवादी पार्टी के छात्र सभा ने सूबे में फीस माफ करने की मांग को लेकर अभियान चलाया है, जिसका नाम ‘नो फीस केजी टू पीजी’ दिया है. सपा के छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने बलिया से लेकर नोएडा तर जगह-जगह होर्डिंग्स और बैनर लगाकर योगी सरकार तक संदेश पहुंचाने की कवायद शुरू की है.
कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद सारे कारोबार पूरी तरह से ठप पड़े हैं, जिसके चलते लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं. ऐसे में प्राइवेट स्कूल की फीस देने को लेकर छात्रों के अभिभावक परेशान हैं. ऐसे में सपा ने पूरे प्रदेश में ‘नो फीस केजी टू पीजी’ अभियान चलाया है. प्रदेश भर में सपा छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने सभी जिले और तहसील मुख्यालयों के साथ-साथ जिलाधिकारी आवास के आसपास होर्डिंग्स और बैनर लगाकर केजी से पीजी तक की फीस माफी की मांग कर रहे हैं.
सपा के छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव ने न्यूज़ नशा से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना की वजह से लोगों में बेतहाशा निराशा और परेशानी है. किसान से लेकर कारोबारी और नोकरी करने वाले लाखों लोगों के रोजगार चले गए हैं या फिर आय के साधन सीमित हो गए हैं, जिससे वो परेशान है. बच्चे स्कूल भी नहीं जा रहे हैं. इसके बावजूद अभिभावकों पर फीस देने का दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे समय में प्रदेश सरकार को स्कूलों की फीस माफी के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में कोई कदम उठाना चाहिए. अभिभावकों के साथ बातचीत करना चाहिए, लेकिन सरकार तो स्कूल प्रबंधकों के साथ खड़ी है.
दिग्विजय सिंह देव ने सूबे के शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो फीस को माफ कराने के बजाय स्कूल प्रबंधकों के पक्ष में खड़े हैं. शिक्षा मंत्री पहले ही साफ कह चुके हैं कि स्कूलों की फीस माफी का कोई सवाल ही नहीं उठता है. इस तरह से सरकार छात्रों पर फीस के लिए दबाव बना रही है. आखिर जो लोग सक्षम नहीं हैं क्या उनको शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पाएगा या फिर सिर्फ पैसे के आधार पर ही शिक्षा के अधिकार को तय किया जाएगा.
छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार जब तक फीस माफी पर कोई फैसला नहीं लेती है हमारा आंदोलन जारी रहेगा. अभी तो सिर्फ सरकार को चेतावनी के तौर पर हमने होर्डिंग और बैनर लगाए हैं, लेकिन 15 दिनों के अंदर सरकार फीस के मामले पर अगर कोई फैसला नहीं लेती है तो हम सब सड़क पर उतरेंगे और जगह-जगह आंदोलन करेंगे. यह समय अभिभावकों के जख्मों पर नमक छिड़कने का नहीं बल्कि मरहम लगाने का है. कोरोना का प्रकोप में आखिर अभिभावक स्कूल ना चलने की सूरत में फीस कैसे और कहां से अदा करें, यह बात योगी सरकार को बतानी चाहिए.