आदिवासियों की समस्या भी सुनेंगे अखिलेश
2022 के चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी पकड़ हर समाज और हर जाति वर्ग पर बना लेना चाहती मगर समाजवादी पार्टी अब उन समाज और उन जातियों तक पहुंचने की पूरी कोशिश कर रही है जिसके ऊपर अभी तक तमाम राजनीतिक दलों की नजर तक समाजवादी पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जंगलों में रहने वाले आदिवासी समाज को भी अपने विचारों के साथ जोड़ने की रणनीति बना रही समाजवादी पार्टी का कहना है कि इस बार विकास शहर गांव से चलकर जंगलों तक पहुंचेगा और उन आदिवासियों को भी विकास करने का काम समाजवादी पार्टी करेगी, आदिवासी समाज से संवाद स्थापित करने के लिए समाजवादी पार्टी ने एक रोडमैप भी बना लिया है
समाजवादी अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश की बैठक आज समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यालय में प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व्यासजी गोंड की अध्यक्षता में हुई जिसमें जातीय जनगणना कराने की सरकार से मांग के साथ 9 अगस्त 2021 को विश्व आदिवासी दिवस सोनभद्र में मनाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्य अतिथि नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि जल, जंगल, जमीन से बेदखल हो रहे आदिवासियों को उनके हक समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर दिलाए जाएंगे। उनके हित में योजनाएं भी बनेंगी।
प्रदेश अध्यक्ष गोंड ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे गांव-गांव घर-घर जाकर अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल की उपलब्धियों का प्रचार करें। बैठक में कई पदाधिकारियों ने समाज की गरीबी, भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न और संगठन की मजबूती पर चर्चा की।
बैठक में पूर्व मंत्री बलराम यादव और समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद फहाद, अशोक कुमार गोंड, राणा प्रताप गोंड, प्रदीप पथरकट, डाॅ0 विनोद भास्कर, आनन्द बिहार गिहार, शीला गोंड, कमलेश गोंड, हीरा गोंड, उजागिर गोंड, आशीष कुमार गोंड, मंजीत गोंड, रवीन्द्र बाल्मीकि, राधारमण चैधरी, राजेश कुमार गोंड आदि ने सक्रिय भागीदारी की।
अब देखना यह होगा कि इन बैठकों के बाद समाजवादी पार्टी किस तरीके से आदिवासी समाज के लोगों को अपने साथ जोड़ पाती है