सजा के बाद आज़म खान का बयान आया सामने, जाने क्या बोले सपा नेता!
बता दें कि आजम खान पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को 2019 के हेट स्पीच मामले में गुरुवार को दोषी ठहराया गया. दोषी ठहराने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया. रामपुर की अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में आजम खान के खिलाफ 9 अप्रैल 2019 को रामपुर के मिलक कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था.
क्या बोले आजम खान?
कोर्ट के फैसले के बाद आजम खान ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ये अधिकतम सजा थी जिसमें ज़मानत अनिवार्य प्रावधान है, जिस आधार पर ज़मानत मिली, लेकिन मैं इंसाफ का कायल हो गया. रामपुर की एमपी—एमएलए अदालत ने आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
अदालत के इस फैसले के कारण खान की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो सकती है क्योंकि नियमानुसार एमपी/एमएलए को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उसकी सदन की सदस्यता समाप्त हो जाती है. शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि भड़काऊ भाषण देने के मामले में रामपुर से सपा विधायक आजम खान के खिलाफ दर्ज मुकदमे में रामपुर की विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने उन्हें भारतीय दण्ड विधान की धारा 153—क (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 505—क (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के तहत दोषी करार देते हुए उन्हें तीन साल कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत के इस फैसले के कारण खान की विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो सकती है. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) समाप्त हो जाएगी.
सजा मिलने के बाद अदालत से बाहर आते वक्त संवाददाताओं से बातचीत में आजम खान ने कहा, यह अधिकतम सजा है. इस मामले में जमानत अनिवार्य शर्त है, उस आधार पर मुझे जमानत मिल गयी है. मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं. गौरतलब है कि आजम खान को घृणा भाषण के मामले में सजा सुनाई गई है जो जमानती मामला है और यह संभव है कि उन्हें इस मामले में जेल जाने की नौबत ना आए.
बता दें कि आजम खान पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. खान के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था.