Samajwadi Party ने Mujtaba Siddiqui को मैदान में उतारा, कांग्रेस का लगा झटका
Mujtaba Siddiqui को प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जिससे कांग्रेस को झटका लगा है। कांग्रेस भी इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारने की योजना बना रही थी, लेकिन सपा ने पहले ही अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है।
सपा ने फूलपुर उपचुनाव के लिए Mujtaba Siddiqui को बनाया प्रत्याशी
फूलपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने पूर्व विधायक Mujtaba Siddiqui को प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जिससे कांग्रेस को झटका लगा है। कांग्रेस भी इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारने की योजना बना रही थी, लेकिन सपा ने पहले ही अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है।
हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद सपा ने अपनी उम्मीदवारों की सूची में तेजी दिखाई।Mujtaba Siddiqui, जो फूलपुर के वीरकाजी निवासी हैं, पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने दो बार सोरांव विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी और 2017 में बसपा के टिकट पर प्रतापपुर से विधायक बने थे।
इस बार सपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए कुल छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने करहल सीट से तेजप्रताप को और सीसामऊ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट दिया है। मिल्कीपुर सीट से अजीत प्रसाद को भी उम्मीदवार बनाया गया है।
सपा ने फूलपुर से मुज्तबा सिद्दीकी के चयन को लेकर कहा है कि वह क्षेत्र में एक मजबूत नेता हैं और उनकी पहचान और अनुभव पार्टी को इस चुनाव में फायदा पहुंचाएंगे। उनके चुनावी इतिहास को देखते हुए पार्टी ने उन्हें एक बार फिर से मैदान में उतारने का निर्णय लिया है।
सपा के अन्य प्रत्याशी जैसे शोभावती वर्मा को कटेहरी सीट से और डॉ. ज्योति बिंद को मझंवा सीट से उतारा गया है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट, जो अयोध्या से संबंधित है, पर अजीत प्रसाद का नाम काफी समय से चर्चा में था, और उन्हें टिकट मिलना पहले से ही अपेक्षित था।
अखिलेश यादव ने कहा कि इन चुनावों में सपा का उद्देश्य अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देना है। पार्टी का लक्ष्य राज्य में मजबूत वापसी करना है और इसे ध्यान में रखते हुए सभी उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
इस प्रकार, सपा ने अपनी चुनावी रणनीति को स्पष्ट कर दिया है और अब वह आगामी उपचुनावों के लिए अपनी पूरी ताकत लगाने की तैयारी कर रही है। चुनावी माहौल गर्म है और सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर चुनावी गणित को साधने में जुटी हैं।