सहायता फंड में करोड़ों होने पर सरकार दिवालिया हो गई है तो समाजवादी पार्टी करेगी मजदूरों की मदद : रामगोविंद चौधरी
लखनऊ : पूरा देश कोरोनावायरस से जंग लड़ रहा है। इस दौरान पूरे देश में लॉक डाउन किया गया है। हालांकि इस लॉक डाउन से देश के गरीब तबके के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। प्रवासी मजदूर, छात्र – छात्राएं, पर्यटकों को इस लॉक डाउन से काफी मुश्किलें आई है। वही मजदूरों को अपने राज्यों में भेजने के लिए बड़ी बहस छिड़ी हुई है। इस मामले पर राजनीति भी चरम पर है। कांग्रेस, बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि मजदूरों से पैसे लिए जा रहे हैं। वहीं बीजेपी कह रही है कि 85% किराया सरकार दे रही है और 15% राज्य सरकार दें। हालांकि इस बीच कांग्रेस ने कहां की वह सभी जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों का किराया देने के लिए तैयार है। वहीं अब नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी का सरकार को न्योता मिला है।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहां है कि सहायता फंड में करोड़ों रहने के बाद सरकार अगर दिवालिया हो गई है तो समाजवादी पार्टी मदद करेगी। रामगोविंद चौधरी ने बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा है। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रवासी मजदूरों का किराया वहन करने के लिए तैयार है। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रवासी मजदूरों की हर तरह से मदद करने के लिए तैयार है।
सरकार अगर कहे तो प्रवासी मजदूरों का किराया समाजवादी पार्टी देने के लिए तैयार है। रामगोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर यह बात कही है। बता दें कि कोरोनावायरस को लेकर रामगोविंद चौधरी ने चिंता जाहिर की है। इस दौरान उन्होंने वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों की हालत को अत्यंत गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी फोन नहीं उठा रहे प्रवासी मजदूर क्या करेंगे।
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि अधिकारी वास्तविक कोरोनावायरस संक्रमितो कि संख्या भी छिपा रहे हैं। उन्होंने जांच की स्थिति पर भी चिंता जताते हुए कहा कि जांच की स्थिति बेहद निराशाजनक है। सही आंकड़े छुपाने से स्थिति बेहद भयावह हो सकती है।
राम गोविंद चौधरी ने बताया कि प्रदेश में 21000 क्षमता में रोज 100 से ऊपर पॉजिटिव केस आ रहे हैं। अगर जांच की क्षमता बढ़ाई जाए तो संक्रमितों के आंकड़े कहीं ज्यादा होंगे। रामगोविंद चौधरी ने मांग की है की मजदूरों की घर वापसी निशुल्क हो, क्वॉरेंटाइन सेंटरों में बेहतर व्यवस्था हो, जांच प्रणाली और व्यापक हो, अफसर कोरोनावायरस की आंकड़े बाजी ना करें।