एक साथ क्यों नहीं दिखते है अखिलेश- शिवपाल, आखिर क्यों नहीं हो रही है चाचा भतीजे की मुलाकात!
खुद अखिलेश यादव ने इस बात को कहा कि चाचा को पूरा सम्मान दिया जाएगा, लेकिन इस नतीजे को आये लगभग एक हफ्ता बीत
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यूपी के मैनपुरी उपचुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद जिस तरह से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) और प्रसपा का विलय कराया उसके बाद यह साफ हो गया कि शिवपाल यादव का ओहदा पार्टी में बढ़ने वाला है. खुद अखिलेश यादव ने इस बात को कहा कि चाचा को पूरा सम्मान दिया जाएगा, लेकिन इस नतीजे को आये लगभग एक हफ्ता बीत चुका है और अभी तक चाचा और भतीजे की लखनऊ (Lucknow) में मुलाकात नहीं हो पाई है. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर इसके लिए किस बात का इंतजार हो रहा है.
मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri by-election) के नतीजों के बाद शिवपाल यादव की ताकत का एहसास एक बार फिर सभी को हुआ. खुद अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव और उनकी पार्टी प्रसपा का समाजवादी पार्टी में विलय कराया. जसवंतनगर में शिवपाल यादव का जादू ऐसा चला कि डिंपल 1 लाख 6 हजार वोटों से आगे रहीं. शिवपाल यादव की क्या अहमियत है इस बात को खुद अखिलेश यादव ने मैनपुरी में बताया और कहा कि चाचा का जल्द सम्मान किया जाएगा.