इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से सैम पित्रोदा ने दिया इस्तीफा.. नस्लभेद वाले बयान को लेकर हो रहे थे ट्रोल
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने भारतीयों के ऊपर नस्लीय टिप्पणी की थी। तभी से वह ट्रोल का शिकार हो रहे थे, यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी सैम पित्रोदा की जमकर आलोचना की थी। उसके बाद ही उन्होंने यह कदम उठाया है
सैम पित्रोदा पर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा था। इसी बीच खबर आई की सैम पित्रोदा ने कांग्रेस के इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी पुष्टि जयराम रमेश ने अपने X हैंडल पर किया।
सैम अपनी मर्जी से इस्तीफा दिए: जयराम रमेश
जयराम रमेश ने लिखा कि, “सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है।”
उनके इस पोस्ट को सैम पित्रोदा ने रिपोस्ट भी किया है।
जानिए सैम पित्रोदा ने क्या कहा था
एक वीडियो में सैम पित्रोदा ने नस्ल भेदीय टिप्पणी करते हुए कहा था कि, “भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं। लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता। हम सभी भाई-बहनें हैं। हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं। ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।
प्रधानमंत्री ने जताई नाराजगी
सैम पित्रोदा के इस बयान की प्रधानमंत्री ने आलोचना की, तेलंगाना के वारंगल जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने कहाकि, “मैं इसे बर्दाश्त कर सकता हूं जब मुझ पर गालियां फेंकी जाती हैं, लेकिन तब नहीं जब वे मेरे लोगों पर फेंकी जाती हैं। क्या हम त्वचा के रंग के आधार पर किसी व्यक्ति की योग्यता तय कर सकते हैं? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी की त्वचा का रंग क्या है, हम भगवान कृष्ण की पूजा करने वाले लोग हैं। मैं आज बहुत गुस्से में हूं। जो लोग संविधान को अपने सिर पर रखते हैं, वे लोगों की त्वचा के रंग के आधार पर उनका अपमान कर रहे हैं।”
राहुल गांधी का नाम न लेते हुए पीएम ने कहा कि, “किसने ‘शहजादा’ को मेरे लोगों को इस तरह नीची नजर से देखने की इजाजत दी? शहजादे आपको जवाब देना होगा। हम इस नस्लवादी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे। चूंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी एक आदिवासी परिवार से हैं, इसलिए कांग्रेस उन्हें भी हराने की बहुत कोशिश करती रही है।”
आगे पीएम ने कहा कि, “मुझे पता चला कि अमेरिका में एक अंकल हैं जो ‘शहजादा’ के ‘दार्शनिक’ हैं। और क्रिकेट में तीसरे अंपायर की तरह, यह ‘शहजादा’ भी तीसरे अंपायर से सलाह लेता है। जब आपने 2014 में BJP को मौका दिया, तो हमने आपको एक दलित राष्ट्रपति, राम नाथ कोविंद दिया। फिर, 2019 में, हमने देश को एक आदिवासी राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू दिया।”