सागर : मंत्री गोपाल भार्गव देर रात पहुंचे अस्पताल, डॉक्टर-स्टॉफ सभी थे नदारद
सागर। प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव बीती देर रात अपने गृहनगर गढ़ाकोटा के सामुदायिक स्वास्थ्य औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां डॉक्टर-स्टाफ सभी नदारद थे। उन्हें अस्पताल में कोई दिखाई नहीं दिया। उन्होंने जोर-जोर से आवाज भी लगाई और विभिन्न कक्षों में जाकर देखा, लेकिन अस्पताल का एक भी कर्मचारी उन्हें नजर नहीं आया। इसकी जानकारी उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिये देते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है। साथ ही अपनी प्रतिक्रिया भी दी है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव भार्गव ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि पिछले कई दिनों से उन्हें शिकायत प्राप्त हो रही थीं कि गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है, लेकिन कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी उन्हें नहीं मिलते हैं। भोपाल से गढ़ाकोटा लौटने के बाद गुरुवार को भी उन्हें फिर इसी तरह की शिकायत मिलीं और वे गुरुवार तथा शुक्रवार की दरम्यानी रात्रि में लगभग ढाई बजे अचानक स्वास्थ्य केंद्र पहुुंच गए। उनके साथ कुछ आम लोग भी थे। उन्होंने पूरी अस्पताल का भ्रमण किया और जोर-जोर से आवाज लगाई, लेकिन अस्पताल में कोई उपस्थित नहीं था। डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ, यहां तक कि चौकीदार भी अस्पताल में नहीं मिला। पूरे अस्पताल की परिक्रमा करने के बाद वे अपनी स्कूटी से घर वापस आ गए।
मंत्री भार्गव ने आगे लिखा है कि -‘सोच रहा हूं कि कैसे गैर जिम्मेदार लोग हैं कि प्रदेश सरकार में मंत्री के गृहनगर के स्वास्थ्य केंद्र के यह हालात हैं कि मंत्री 2.30 बजे रात को जाग रहा है और कर्मचारी दिन में भी नहीं मिल रहे हैं। यही हाल मेरे विधानसभा क्षेत्र रहली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र का भी है। मैंने आज यह तय किया है कि जब भी मैं अपने क्षेत्र में रहूंगा, दिन और रात में कम से कम दो बार इन अस्पतालों का औचक निरीक्षण अवश्य करूंगा। न खुुद सोऊंगा और न ही सोने दूंगा। लापरवाही में लिप्त पाए जाने पर इनके विरुद्ध विधिसम्मत जो भी सख्त कार्रवाई की जा सकेगी, उसे भी करूंगा।’
उन्होंने आगे लिखा है कि कोरोना महामारी के संक्रमण काल में स्वास्थ्य सेवा जैसी आपातकाल सेवाओं में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने लायक बिल्कुल भी नहीं है। एक तरफ जहां मनरेगा का मजदूर 200 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी के लिए अपनी हड्डियां तोड़ रहा है, वहीं तीन चार हजार रुपये प्रतिदिन का मोटा वेतन लेने वाले डॉक्टर और अधिकारी अपने वातानुकूलित घरों में ऐश कर रहे हैं। अब यह नहीं चलेगा। मंत्री ने कहा कि वे अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों के औचक निरीक्षण के साथ साथ अब जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज (सागर) की व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी सप्ताह में दो दिन करेंगे।
मंत्री गोपाल भार्गव ने फेसबुक पर जो वीडियो पोस्ट किया है, उसमें साफ देखा जा सकता है कि वे अपने समर्थकों के साथ पूरे अस्पताल में घूमे और एक-एक कक्ष में पहुंचकर डॉक्टर्स-स्टॉफ को ढूंढा, लेकिन उन्होंने वहां कोई नहीं मिला। किसी के नहीं मिलने पर भार्गव वीडियो में ‘बहुत बढिय़ा, बहुत बढिय़ा’ भी कहते हुए नजर आए। इसके बाद वे केंद्र के बाहर आए और स्कूटर पर सवार होकन अपने समर्थकों के साथ चल दिए।