Mahakumbh में 9 साल के नागा साधु गोपाल गिरि की साधना, महादेव की भक्ति में लीन बाल संत
Mahakumbh 2025 में साधु-संतों का अद्भुत जमावड़ा लगा हुआ है। देशभर से विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत यहां पहुंचे हैं। श्रद्धालु बड़ी संख्या में महाकुंभ में आकर साधु-संतों के दर्शन कर रहे हैं।
प्रयागराज Mahakumbh 2025 में साधु-संतों का अद्भुत जमावड़ा लगा हुआ है। देशभर से विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत यहां पहुंचे हैं। श्रद्धालु बड़ी संख्या में महाकुंभ में आकर साधु-संतों के दर्शन कर रहे हैं। इस बीच एक विशेष आकर्षण बनकर उभरे हैं 9 साल के नागा साधु गोपाल गिरि, जिनकी महादेव के प्रति भक्ति और कठोर साधना सभी का ध्यान खींच रही है।
कौन हैं बाल नागा साधु गोपाल गिरि?
गोपाल गिरि महज 9 साल की उम्र में नागा साधु बन चुके हैं।
- शिव भक्ति में लीन: गोपाल गिरि को महादेव का अनन्य भक्त माना जा रहा है। वे दिन-रात भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं।
- शरीर पर भस्म का लेप: बाल साधु हमेशा की तरह नागा साधुओं की परंपरा का पालन करते हुए अपने शरीर पर भस्म लगाए रखते हैं। उनकी भक्ति और साधना देखकर श्रद्धालु भी हैरान हो जाते हैं।
- गुरु से दीक्षा प्राप्त: बताया जा रहा है कि गोपाल गिरि ने एक प्रसिद्ध नागा साधु से दीक्षा ली है और तब से वे इस पथ पर चल रहे हैं।
साधना स्थल पर उमड़ रही भीड़
Mahakumbh में जहां एक ओर बड़े-बड़े संतों के शिविर लगे हुए हैं, वहीं गोपाल गिरि के साधना स्थल पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है।
- श्रद्धालुओं में उत्सुकता: 9 साल के इस बाल साधु को देखकर श्रद्धालु बेहद प्रभावित हो रहे हैं। लोग उनके पास जाकर आशीर्वाद लेना चाहते हैं और उनसे बातचीत करने के लिए आतुर रहते हैं।
- फोटो खिंचवाने की होड़: साधना स्थल पर आने वाले लोग गोपाल गिरि के साथ फोटो खिंचवाने की भी कोशिश करते हैं। उनकी सरलता और मासूमियत के कारण वे सभी के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।
कैसे बने नागा साधु?
इतनी कम उम्र में नागा साधु बनना आश्चर्य की बात है।
- बाल्यकाल में ही वैराग्य: गोपाल गिरि ने बहुत ही छोटी उम्र में वैराग्य का मार्ग अपना लिया। बताया जाता है कि वे बचपन से ही साधु-संतों के बीच रहना पसंद करते थे।
- कड़ी साधना: नागा साधु बनने के लिए कठोर तपस्या और साधना की आवश्यकता होती है। गोपाल गिरि ने अपने गुरु के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया पूरी की और उन्हें नागा साधु की उपाधि दी गई।
Mahakumbh में आकर्षण का केंद्र
Mahakumbh में हर बार कुछ विशेष आकर्षण देखने को मिलते हैं। इस बार 9 साल के नागा साधु गोपाल गिरि लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं।
- अनुशासन और भक्ति: इतनी कम उम्र में गोपाल गिरि का साधना पथ अपनाना और अनुशासन का पालन करना सभी के लिए प्रेरणा बन रहा है।
- महादेव के प्रति आस्था: उनकी महादेव के प्रति गहरी आस्था को देखकर श्रद्धालु भी अभिभूत हो जाते हैं।
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प्रयागराज Mahakumbh 2025 में जहां विभिन्न अखाड़ों और साधु-संतों की उपस्थिति से धार्मिक माहौल बना हुआ है, वहीं 9 साल के बाल नागा साधु गोपाल गिरि इस बार के महाकुंभ के सबसे खास आकर्षणों में से एक बन चुके हैं। उनकी भक्ति, तपस्या और मासूमियत हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। महाकुंभ में उनकी साधना न केवल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी है, बल्कि यह दिखाती है कि भक्ति की राह पर चलने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है।