विदेश मंत्री एस जयशंकर की ईरानी विदेश मंत्री से अफगानिस्तान पर चर्चा
भारत और ईरान के संबंधो को मजबूत करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ख़ास कदम उठाया. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को भारत-ईरान संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के साथ बातचीत की. कुछ दिन पहले ही भारत के विदेश मंत्री ने भी ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के साथ मुलाकात की थी.
एस जयशंकर ने किया ट्वीट:
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि ‘ईरानी विदेश मंत्री से बात करके अच्छा लगा. हमारे संबंधों पर एक उपयोगी बातचीत.’ एस जयशंकर ने बातचीत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं शेयर की हैं. लेकिन, कयास लगाए जा रहे है कि दोनों के बीच अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच भीषण लड़ाई के खिलाफ बात हुई होगी.
अफगानिस्तान तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद ईरान की मुख्य चिंता अफगानिस्तान से देश में आने वाले शरणार्थियों की है. शिया बहुल ईरान भी पिछले कई सालों से सुन्नी तालिबान के साथ बातचीत कर रहा है. भारत, ईरान और रूस तीनों देशों ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ आर्थिक फण्ड देने में मदद की थी. इसका नेतृत्व कभी ताजिक कमांडर अहमद शाह मसूद करते थे.
नए ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने भ्रष्टाचार और गरीबी से लड़ने का वादा किया है. उन्होंने कहा है कि वह ईरान पर परमाणु प्रतिबंधों को हटाने के लिए अमेरिका से बातचीत जारी रखेंगे. ये प्रतिबंध ईरान पर जून 2019 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए थे.
मालूम हो कि भारत और ईरान के रिश्ते हमेशा से ही ठीक ही रहे हैं. दोनों देशों ने आतंकवाद को लेकर अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों का विरोध किया है. चाबहार परियोजना भारत और ईरान के रिश्तों को और भी अच्छा बनाता है. भारत द्वारा ईरान के चाबहार का विकास भारत को दोहरा लाभ प्रदान करेगा. नई दिल्ली और तेहरान के बीच गैस पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव है.