नए वायरस वेरिएंट के खिलाफ कारगर है रूसी वैक्सीन

डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 90 फीसद कारगर स्पुतनिक वैक्सीन।(फोटो: दैनिक जागरण)

भारत में मिले कोरोना वायरस वैरियंट के खिलाफ असरदार रूस की वैक्सीन। Sputnik V वैक्सीन बनाने वाले RDIF ने बताया बाकी वैक्सीन से बेहतर। Sputnik V वैक्सीन बनाने वाले RDIF ने बताया बाकी सभी कोरोना वैक्सीन से बेहतर।

नोवोसिबिर्स्क [रूस], एएनआइ। भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ रूस की वैक्सीन सबसे ज्यादा असरदार है। रूस के वैज्ञानिकों ने बताया है कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी(Sputnik V) कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 90 फीसद तक असरदार है। नोवोसिबिर्स्क स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रयोगशाला के प्रमुख और रूसी विज्ञान अकादमी (आरएएस) के संबंधित सदस्य सर्गेई नेत्सोव ने रूस की स्पुतनिक वी सहित वायरल वेक्टर और एमआरएनए वैक्सीन को कोरोना वायरस के नए डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षित बताया है। उन्होंने बताया कि ये वैक्सीन, डेल्टा वैरिएंट से सुरक्षा प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य देशों के आंकड़ों के अनुसार हमारी स्पुतनिक वी सहित एमआरएनए और वेक्टर टीके डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं। हालांकि कुछ हद तक, लेकिन वे इसके खिलाफ सुरक्षा देते हैं। उनके मुताबिक, स्पुतनिक वैक्सीन कोरोना के प्रारंभिक वैरिएंट के खिलाफ 95 फीसद सुरक्षित है तो वही ये डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 90 फीसद तक असरदार है।

जून के अंत में स्पुतनिक वी वैक्सीन विकसित करने वाले गामालेया अनुसंधान केंद्र की जनसंख्या परिवर्तनशीलता तंत्र प्रयोगशाला के प्रमुख व्लादिमीर गुशचिन ने कहा था कि रूसी वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण के मामले में गंभीर और घातक मामलों के खिलाफ लगभग 100 प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी देती हैं। इससे पहले जून में रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने दावा किया था कि रूस की स्पूतनिक V (Sputnik-V) कोरोना वायरस वैक्सीन सबसे पहले भारत में मिले डेल्टा वेरियंट (Delta Variant Coronavirus) के खिलाफ ज्यादा असरदार है। दावा किया गया कि किसी भी दूसरी वैक्सीन के मुकाबले इस ज्यादा संक्रामक और घातक डेल्टा वैरियंट के खिलाफ रूस की वैक्सीन ने सबसे ज्यादा असर दिखाया है।

रूस दुनिया का पहला देश बना जिसने अगस्त 2020 में कोरोना वायरस के खिलाफ पहली वैक्सीन रजिस्टर की, जिसे स्पुतनिक वी नाम दिया गया। फिलहाल भारत में भी इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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