“IAS Shailbala Martin के ट्वीट पर बवाल, कांग्रेस का समर्थन”

IAS Shailbala Martin ने हाल ही में मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर को लेकर अपने विचार व्यक्त किए, जिससे विवाद खड़ा हो गया है।

IAS Shailbala Martin विवाद का कारण

भोपाल की चर्चित IAS Shailbala Martin ने हाल ही में मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर को लेकर अपने विचार व्यक्त किए, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह सवाल उठाया कि ये लाउडस्पीकर कई गलियों तक ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं। उनका यह बयान हिंदू संगठनों के लिए आपत्ति का विषय बन गया है।

IAS Shailbala Martin का ट्वीट

IAS Shailbala Martin ने अपने ट्वीट में लिखा, “मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर आधी रात तक बजते हैं, क्या इससे किसी को कोई डिस्टरबेंस नहीं होता?” इस ट्वीट के जरिए उन्होंने मंदिरों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस ध्वनि प्रदूषण से स्थानीय निवासी प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है।

हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया

उनके बयान पर हिंदू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संस्कृति बचाव मंच जैसे संगठनों ने इस बयान का विरोध करते हुए इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है। इन संगठनों का कहना है कि मंदिरों में लाउडस्पीकर का उपयोग धार्मिक आस्था का हिस्सा है और इसे बुरा कहना अनुचित है।

कांग्रेस का समर्थन

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने शैलबाला के बयान का समर्थन किया है। पार्टी ने इसे एक वाजिब सवाल बताया और कहा कि ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले में शैलबाला के साहस को सराहा है और कहा कि यह मुद्दा समाज के हित में चर्चा का विषय होना चाहिए।

सामाजिक प्रभाव

इस विवाद ने एक बार फिर ध्वनि प्रदूषण और धार्मिक आस्थाओं के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता को उजागर किया है। कई लोग मानते हैं कि धार्मिक आयोजनों के दौरान ध्वनि स्तर को नियंत्रित करना आवश्यक है, ताकि आसपास के निवासियों को परेशानी न हो।

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IAS Shailbala Martin का बयान एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे को सामने लाता है, जो ध्वनि प्रदूषण और धार्मिक परंपराओं के बीच का संतुलन है। यह विवाद इस बात की आवश्यकता को भी दर्शाता है कि हमें समाज में सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुद्दों का समाधान निकालना चाहिए।

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