आरएसएस का मुस्लिमों के प्रति बदला नजरिया, जानिए क्या है पूरी बात
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को पहली बार मस्जिद और मदरसा जाकर मुस्लिम उलेमाओं के साथ मुलाकात की.
आरएसएस का मुस्लिमों के प्रति बदला नजरिया, जानिए क्या है पूरी बात
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को पहली बार मस्जिद और मदरसा जाकर मुस्लिम उलेमाओं के साथ मुलाकात की. संघ प्रमुख ने इसी महीने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी और सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत करने के लिए कहा था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मुसलमानों को लेकर बदल रहा आरएसएस का नजरिया |
देश की राजनीति में कभी मुस्लिमों को ट्रंप कार्ड माना जाता था लेकिन 2014 के चुनाव के बाद से जैसे सबकुछ बदल गया. बीजेपी जाति के नाम पर बंटे हिंदुओं को हिंदुत्व के मुद्दे पर लामबंद करने में सफल हुई तो मुस्लिमपरस्त सियासत हाशिए पर पहुंच गई |
खास बात ये है कि सियासी नजरिये से हाशिये पर पहुंचा दिए गए मुस्लिम समुदाय से अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जुड़ाव की कोशिशें तेज कर दी हैं. हाल के घटनाक्रम से लगता है कि इसकी कमान जैसे खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संभाल ली है | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत मस्जिद-मदरसे जाकर इमाम-मौलनाओं से मिल रहे हैं और मजार पर जाकर फूल-चादर भी चढ़ा रहे हैं. मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उलेमाओं के साथ संघ प्रमुख कभी दिल्ली में तो कभी मुंबई मे मेल मुलाकात कर रहा है |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने गुरुवार को मस्जिद, मदरसा और मजार का दौरा किया. अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी के निमंत्रण पर मोहन भागवत दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित एक मस्जिद में पहुंचे और वहां तमाम मौलवियों से मिले | इस दौरान संघ प्रमुख ने मस्जिद में मरहूम मौलाना डॉ. जमील इलियासी की कब्र पर पहुंचकर फूल भी चढ़ाए. इसके बाद वो पुरानी दिल्ली के बाड़ा हिंदूराव में स्थित मदरसा ताजबीदूल कुरान पहुंचे और छात्रों से संवाद किया |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकातें और संवाद अनायास नहीं हैं. यह संघ की उस अहम रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह मुस्लिम और ईसाइयों के साथ लगातार संवाद बढ़ाने पर जोर दे रहा है ताकि धर्म आधारित गलतफहमियों, दूरियों और संवादहीनता को दूर कर राष्ट्र निर्माण में सबकी व्यापक सहभागिता सुनिश्चित की जा सके , अभी इस मामले मे किसी भी प्रकार की टिप्पड़ी शामिल नहीं हुई है |