सड़क मंत्रालय की नई स्वगात, अब भारत से थाईलैंड का सफर हुआ आसान
जैसा कि देश नवनिर्मित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को लेकर आश्चर्यचकित है, उसी बीच सड़क मंत्रालय की एक नई घोषणा ने सबका मन मोह लिया है। अब कोलकत्ता से थाईलैंड वाया रोड ! आपको यकीन नहीं होगा कि 70% यह रोड बन भी चुकी है। 1400 किलोमीटर लंबा यह हाइवे भारत-म्यंमार-थाईलैंड को जोड़ेगा। कोलकाता से सिलगुड़ी-कूचबिहार होते हुए बंगाल के श्रीरामपुर से यह रोड आसाम में प्रवेश करेगी वहां से दीमापुर ओर नागालैंड होते हुए मणिपुर की राजधानी इम्फाल पहुंचेगा। फिर मणिपुर-म्यंमार बॉर्डर मोरेह से यह म्यंमार को जोड़ेगा। म्यंमार के शहरों बागो-यांगून से होते हुए यह थाईलैंड पहुंचेगा।सोचिए आप अपनी गाड़ी य बाइक से तीन कन्ट्रीज घूम लेंगे बिना हवाई सफर किए। ज्यादा से ज्यादा 1400 किलोमीटर के 20 से 25 घँटे लगेंगे पर लांग ड्राइव के शौकीनों के लिए तो यह सफर रोमांच से भरपूर होगा। इस रोड को बनाने का असली मकसद नार्थ ईस्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के साथ भारतीय माल को सड़क मार्ग से वाकी एशियाई देशों तक पहुंचाना है ताकि चीन को टक्कर दी जा सके क्योंकि चायनीज़ माल से एशिया के वाकी देशों की मार्किट भरी पड़ी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत-थाईलाड-म्यांमार त्रिपक्षीय राजमार्ग का अधिकांश निर्माण अब पूरा हो चुका है, लेकिन उन्होंने किसी तारीख की घोषणा नहीं की कि यह पर्यटकों के लिए कब खुलेगा। भारत-थाईलैंड-म्यांमार राजमार्ग के निर्माण का उद्देश्य तीन देशों के बीच व्यापार को बेहतर बनाना और सुचारू बनाना है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यात्रियों को इस मार्ग पर अनुमति नहीं दी जाएगी, जिससे उन्हें त्वरित और सस्ती छुट्टी मिल सकेगी। भारत-थाईलैंड राजमार्ग एक व्यक्ति को कोलकाता से बैंकॉक तक सीधे यात्रा करने की अनुमति देगा, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और महंगी हवाई यात्रा का एक सस्ता विकल्प उपलब्ध होगा। मंत्रालय के मुताबिक इस त्रिपक्षीय राजमार्ग की लंबाई 1360 किमी से अधिक है।
थाईलैंड के दूत पट्टारत होंगटन ने बताया, “भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच त्रिपक्षीय राजमार्ग वर्तमान में निर्माणाधीन है। थाईलैंड से म्यांमार तक सड़क का निर्माण पूरा हो गया है।”
इतना ही नहीं, भारत की इस चल रहे राजमार्ग निर्माण को लाओस, कंबोडिया, वियतनाम और अन्य नजदीकी एशियाई देशों तक विस्तारित करने की भी योजना है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, यह कनेक्टिविटी सालाना अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद में 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2025 तक वृद्धिशील कुल रोजगार में 20 मिलियन उत्पन्न करेगी। हालांकि, यह संभावना है कि सरकार इस मार्ग पर कई परिवहन सेवाएं शुरू करेगी, जैसे कि मणिपुर से म्यांमार बस सेवाओं के साथ-साथ ट्रेन द्वारा भी। उम्मीद है कि राजमार्ग 2027 तक पूरा हो जाएगा।