ऑन लाइन उत्पीड़न का शिकार हुई रिया, जानें पूरा मामला

दिल्ली की रहने वाली 24 साल की रिया (बदला हुआ नाम) हर रोज की तरह लैपटॉप के सामने बैठकर दफ्तर का काम कर रही थी। तभी उसके फोन पर किसी का वीडियो कॉल आया, वीडियो कॉल उठाते ही रिया सन्न रह गई। रिया के सामने वीडियो कॉल पर एक लड़का अश्लील हरकतें कर रहा था।

लेकिन ये कहानी सिर्फ़ एक रिया की नहीं है। न जाने कितनी लड़कियां हर रोज ऑन लाइन उत्पीड़न का शिकार होती हैं।
कोरोना महामारी के दौरान साइबर क्राइम 3 गुना बढ़ गया है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना की पहली लहर के दौरान देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ़ ऑन लाइन अपराध दो गुना बढ़ गया। आंकड़ों से ऑनलाइन अपराध कि लगातार बढ़ते मामलों की तस्वीर साफ हो जाती है, 2019 की तुलना में साल 2020 में महिलाओं के खिलाफ़ ऑनलाइन अपराध के मामलों में 55 फ़ीसदी का इजाफ़ा हुआ है। इस दौरान महिलाओं के खिलाफ़ ऑनलाइन यौन उत्पीड़न के मामले भी बढ़ गए हैं। 2019 में ऐसे 19 मामले दर्ज हुए तो 2020 में इनकी संख्या 59 पहुंच गई।

कोरोना महामारी की वजह से बड़ी संख्या में लोग पिछले करीब डेढ़ साल से घर सें ही काम कर रहे हैं जिसकी वजह से ऑनलाइन रहना मजबूरी है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती ये है कि कैसे लड़कियों को सुरक्षित साइबर स्पेस उपलब्ध करवाया जाए। इसलिए इस बार इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड की थीम भी “Digital generation. Our generation” रखी गई है। लड़कियों को सुरक्षित साइबर स्पेस मिल सके, इसका जिम्मा दिल्ली की एक डॉक्टर ने अपने कंधों पर उठाया है। डॉक्टर सुरभि सिंह पेश से गायनेकोलॉजिस्ट हैं और पिछले 7 सालों से महिलाओं के हक़ की आवाज़ उठा रही है। इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड के मौके पर डॉक्टर सुरभि और उनकी संस्था सच्ची सहेली के सदस्य लड़कियों को जागरूक करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

“बच्चे ऑनलाइन ज्यादा वक्त बिताते हैं और इसलिए उनके खिलाफ अपराध की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। उनके पास इसकी जानकारी भी नहीं होती कि अगर वो अपराध का शिकार हुए‌ हैं या हो जाएं तो इसकी शिक़ायत कहां करें, किसके पास जाएं। उन्हें डर रहता है कि अगर वो अपने माता-पिता को इसके बारे में बतायेंगे तो मां-बाप बच्चों को ही उनके साथ हुए अपराध के लिए जिम्मेदार ठहरायेंगे। लेकिन हम अपने कैंपेन #हक से ऑनलाइन के ज़रिये उन्होंने ये समझाना चाहते हैं कि अगर उनके साथ कोई ऑनलाइन अपराध हुआ है तो उन्हें वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को छोड़कर जाने की ज़रूरत नहीं है बल्कि उन्हें इसके खिलाफ़ अपनी आवाज़ बुलंद करनी है”- डॉक्टर सुरभि सिंह

इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड मौके पर लड़कियां #हक से ऑनलाइन अभियान का हिस्सा बने इसलिए “सच्ची सहेली” अलग-अलग प्लेटफार्म पर ऑनलाइन कंपटीशन का आयोजन कर रही है। इस कैंपेन से जुड़ने के लिए आप भी अपनी वीडियो या रील कैंपेन के हैशटैग के साथ अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर सकते हैं। खास बात यह है कि टॉप 10 एंट्रिज़ का प्राइज भी दिया जाएगा।

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