6 से 14 साल की उम्र के हरेक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार -हृषीकेश पाण्डेय

सहारनपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/सिविल जज (सीनियर डिवीजन ) श्री हृषीकेश पाण्डेय ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उददेश्य है कि कमजोर तबके, जरूरतमदों, महिलाओ एवं बच्चो को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना तथा उनको मौलिक अधिकारों व कर्तव्यो के प्रति जागरूक करके सशक्त बनाना। शिविर का मकसद कानून की जानकारी को समाज की हर नारी तक पहुंचाना ताकि उनकी सुरक्षा व विकास हो सकें।
हृषीकेश पाण्डेय आज यहां आॅल इंडिया वूमेंन काफ्रेन्स न्यू भगत सिंह कालोनी मेंSave a girl Child & educate the girl, Govt.Scheme for women     पर विधिक साक्षरता/जागरूकता कैम्प के आयोजन में यह बात कही। उन्होने कहा कि बेटी पढाओं बेटी बचाओ ,लडकियों को शिक्षा, तथा महिलाओं के लिये उत्त्तर प्रदेश सरकार द्वारा जा रही अनेक योजनाओं का लाभ दिलाये जाने की भी जानकारी दी। उन्होने कन्या भ्रूण हत्या के बारे में विस्तार से बताया किPCNDT Act 1994  (लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994) के तहत प्रसव पूर्व लिंग की जांच करवाना कानूनन अपराध है। महिलाओं को यह तय करना होगा कि कन्या भू्रण हत्या में सहभागी न बने अपनी सोच बदले ताकि लिंगानुपात 1000-898 बालिका से बढकर पुरूषों के बराबर हो जाये। हर बालिका को जन्म लेने का मौलिक अधिकार है उसे जन्म से पूर्व गर्भ में ही न मार डाले। साथ ही भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 312 यह कहती है कि जो कोई भी व्यक्ति जानबूझकर किसी महिला का गर्भपात करता है जब तक कि कोई इसे सदिच्छा से नही करता है और गर्भावस्था का जारी रहना महिला के जीवन के लिये खतरनाक हो उसे सात साल की कैद की सजा दी जायेगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/सिविल जज (सीनियर डिवीजन ) ने बताया कि स्वास्थ्य का अधिकार यह कहता है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अन्र्तगत देश के प्रत्येक नागरिक को जीने का अधिकार है। जीने के अधिकार में स्वास्थ्य का अधिकार वर्णित हैं। उन्होने शिक्षा के अधिकार के विषय में बताया कि 6 से 14 साल की उम्र के हरेक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। कहा कि यदि मुकदमा लडनें में किसी महिला को निशुल्क वकील की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में आवेदन भेज सकती है या स्वयं भी मिल सकती है। कार्यक्रम में कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु जानकारी भी दी गयी तथा कहा गया कि सभी महिलायें एवं बच्चे मास्क का प्रयोग करे, 2 गज की दूरी रखें तथा समय समय पर अपने हाथों को साबून से साफ करें तथा खांसी जुकाम के लक्षण होने पर डाॅक्टर को अवश्य दिखायें।

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