बीजेपी और योगी आदित्यानाथ में बढ़ रही है दरारें,पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया राज…
यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने को सदन की चर्चा में भाग लेते हुए सत्ताधारी भाजपा पर कई निशाने साधे। अपने भाषण के दौरान सपा चीफ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर तंज भी कसे।वहीं, इस दौरान अखिलेश ने इशारों-इशारों में हमला बोलते हुए कहा कि मुझे लगता है कि दिल्ली और लखनऊ के तालमेल में कुछ गड़बड़ हो रहा है। अगर दिल्ली वाले कह देंगे तो लखनऊ वाले नहीं करेंगे। अगर लखनऊ वाले कुछ लेकर जाएंगे तो दिल्ली वाले नहीं करेंगे।
सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि यहां अखिलेश दिल्ली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबकि लखनऊ को सीएम योगी के नाम से संबोधित कर रहे थे। यूपी विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष, सपा चीफ अखिलेश यादव के बीच तीखी भिड़ंत देखने को मिली। असल में यह भिड़ंत प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के संदर्भ में हुई। जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सीएम योगी को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव करना था।इससे पहले अखिलेश यादव ने प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या का जिक्र छेड़ दिया।
अखिलेश यादव ने कहा इलाहाबाद में शूटिंग हो रही है। दिनदहाड़े गोलियां चल रही हैं, बम चल रहे हैं।गवाह की हत्या हो जाए, गनर की हत्या हो जाए, सरकार क्या कर रही है, डबल इंजन क्या कर रहा है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि इसपर डिबेट नहीं हो सकती। अखिलेश ने तब कहा कि नेता सदन इस घटना पर जीरो टॉलरेंस से शुरू करें ।सीएम योगी ने बोलना शुरू किया और हो गया बवाल अखिलेश यादव बोले- सपा सरकार बनी तो 3 महीने में होगी जाति जनगणना BJP को जमकर घेराशिवपाल के सवाल और ब्रजेश पाठक के जवाब UP विधानसभा में तीखी नोकझोंक अटल जी के भाषण सुनने जाता था शिवपाल ने दी BJP को नसीहत तो भाजपा ने सपा को याद दिलाई लोहिया की बात नोएडा में अखिलेश बोले सपा की सरकार बनी तो जाति आधारित जनगणना कराएंगे’यूपी में गढ्ढा मुक्त सड़कों पर राजा भैया ने भी कई उठाए सवाल।
अखिलेश यादव के सवाल पर तब सीएम योगी आदित्यनाथ जवाब देने के लिए खड़े हुए। सीएम ने कहा, ‘कल की घटना दुखद है।
इस मौके पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा, ‘‘जब बिहार में जाति आधारित जनगणना हो सकती है तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं हो सकती। यदि सपा की सरकार बनी तो तीन महीने के अंदर जातीय जनगणना कराएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि भले ही भाजपा ने दुबारा सरकार बना ली, पर न तो उसकी राजनीतिक विश्वसनीयता रह गई है और न ही वित्तीय विश्वसनीयता रह गई है, क्योंकि सरकार वादे पूरे नहीं कर पा रही है।