स्टडी में खुलासा, वैक्सीन लगवाने के बाद इसलिए दोबारा हो रहा कोरोना
नई दिल्ली. कोरोना वायरस को रोकने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन किया जा रहा है. हालांकि वैक्सीन के बाद भी लोगों के कोरोना से संक्रमित होने के कई मामले सामने आए हैं. कुछ लोगों में कोविड वैक्सीन की एक डोज लेने के बाद संक्रमण हुआ है जबकि कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं कि कोरोना टीके की दोनों डोज लेने के बाद लोगों को कोरोना हुआ है. हालांकि अब इसके पीछे की वजह सामने आ गई है.
कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोविड संक्रमण होने को लेकर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज सीएसआईआर आईजीआईबी और एनसीडीसी की ओर से अध्ययन किया जा रहा था. जिसकी रिपोर्ट अब आई है. इसमें बताया गया है कि वैक्सीन के बाद भी कोरोना होने के पीछे इसका डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है. यह शरीर में वैक्सीन के असर को कम कर रहा है. जिससे ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन हो रहा है.
स्टडी में सामने आया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन लेने के बाद भी इन्फेक्शन फैलाने में डेल्टा वेरिएंट सक्षम है. भारत में डेल्टा (B.1.617.2) वेरिएंट इन दोनों टीकों के बाद भी कोरोना फैला रहा है. भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड के वैक्सीन में ब्रेकथ्रो इन्फेक्शन को लेकर दो अध्ययन हुए हैं और दोनों में ही डेल्टा वेरिएंट की मौजूदगी मिली है.
एम्स और सीएसआईआर आईजीआईबी स्टडी के अनुसार अल्फा वेरिएंट से भी संक्रमण फैला है लेकिन डेल्टा का प्रभाव ज्यादा है. इसमें 63 सेंपल में इन्फेक्शन की बात सामने आई है. जिनमें कोवैक्सीन में सबसे ज्यादा 53 और कोविशील्ड में कुल 10 मामले मिले हैं. जबकि डबल डोज में 36 मामले सामने आए हैं.
जहां तक सिंगल डोज की बात है तो डेल्टा के कारण 76.9 फीसदी संक्रमण के मामले सामने आए हैं. डबल डोज में डेल्टा के कारण 60 फीसदी मामले आए हैं. एम्स की ये स्टडी उन 63 मरीज पर है जो 5-7 दिनों के तेज बुखार की शिकायत के बाद AIIMS की इमर्जेंसी में पहुंचे थे. बता दें कि भारत में ये पहली ऐसी स्टडी है जिसमें सिम्टोमैटिक ब्रेकथ्रो का सैंपल लिया गया.
कोविशील्ड की बात करें तो लिए गए 27 सैंपल में ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन दिखा है. ज्यादातर की वजह डेल्टा वेरिएंट ही है. इसमें 70.3 फीसदी में डेल्टा जिम्मेदार है. हालांकि यह भी खुलासा हुआ है कि वैक्सीन के बाद किसी को भी गंभीर इन्फेक्शन नहीं हुआ.