15 महीने के निचले स्तर पर खुदरा महंगाई दर, जानिए सब्जियों की महंगाई दर
लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई दर के आंकड़े में गिरावट आई है. मार्च 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी रही है जो फऱवरी में 6.44 फीसदी रही थी. जबकि जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसदी रही थी. बीते वर्ष मार्च 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी रही थी. इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भी गिरावट आई है. खाद्य महंगाई दर घटकर 4.79 फीसदी पर आ गया है जो फऱवरी 2023 में 5.95 फीसदी रही थी.
महंगा अनाज और दूध की महंगाई बना चिंता का सबब
मार्च में अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 15.27 फीसदी रही है. दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स की महंगाई दर में फरवरी के मुकाबले मामूली कमी आई है. दूध की महंगाई दर घटकर 9.31 फीसदी पर आ गई जो फरवरी में 9.65 फीसदी रही थी. पर मसालों की महंगाई दर 18.21 फीसदी, दाल की महंगाई दर 4.33 फीसदी, फलों की महंगाई दर 7.55 फीसदी रही है. आंकड़ों के मुताबिक सब्जियों की महंगाई दर -8.51 फीसदी, मीट और मछली की महंगाई दर -1.42 फीसदी, ऑयल और फैट्स की महंगाई दर -7.86 फीसदी रही है.
महंगे कर्ज से राहत की उम्मीद!
राहत की बात ये है कि मार्च 2023 में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड 6 फीसदी के नीचे आ गया है. 6 अप्रैल 2023 को आरबीआई ने 2023-24 के पहले मॉनिटरी पॉलिसी का एलान किया है जिसमें आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 5.20 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. मार्च में खुदरा महंगाई दर के आरबीआई के टोलरेंस बैंड के भीतर आ चुका है और अगले कुछ महीने महंगाई दर में गिरावट का सिलसिला जारी रहा तो आने वाले दिनों में महंगे कर्ज से राहत की उम्मीद की जा सकती है. 6 अप्रैल को आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी का एलान करते हुए पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया है.
इससे पहले 2022-23 में किए सात मॉनिटरी पॉलिसी बैठकों में से छह पॉलिसी के एलान के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया.