सांसों पर संकट: अगले 2 दिन में प्रदूषण का बड़ा अटैक, फिर गैस चैंबर बनेगी दिल्ली?
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति और भयावह होती जा रही है। गुरुवार के दिन दिल्ली के आसमान पर स्मॉग की मोटी परत छा गई। इसके चलते दिनभर जहां वातावरण में घुटन बनी रही वहीं दृश्यता का स्तर भी प्रभावित हुआ है। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र में दृश्यता का स्तर सिर्फ 600 मीटर रहा।
दिल्ली के लोगों के लिए प्रदूषण का यह दौर बेहद खतरनाक होता जा रहा है। दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में सुबह के समय हल्की धुंध छाई रही। लेकिन, धुंध और प्रदूषण मिलकर स्मॉग बन गया है जो कि दिल्ली के आसमान पर जमने लगा है। हवा की रफ्तार कम होने के चलते यह स्मॉग दिल्ली के आसमान पर ज्यादा देर तक टिक रहा है।
इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी, घुटन, गले और नाक में खराश, आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो रही हैं। वहीं, स्मॉग के चलते दृश्यता का स्तर भी प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक सुबह साढ़े पांच बजे सफदरजंग मौसम केन्द्र में दृश्यता का स्तर 800 मीटर था।
सुबह साढ़े आठ बजे भी दृश्यता का स्तर ऐसा ही था। लेकिन, दिन चढ़ने के साथ ही स्मॉग की चादर और मोटी होती गई। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे दृश्यता का स्तर 600 मीटर तक रहा। जबकि, सामान्य तौर पर इसे दो हजार से लेकर तीन हजार मीटर तक होना चाहिए था।
फिर गंभीर स्थिति में दिल्ली की हवा
हवा की रफ्तार बढ़ने के चलते बुधवार के दिन वायु गुणवत्ता में हल्का सुधार हुआ था। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 372 के अंक पर रहा था। लेकिन, गुरुवार के दिन इसमें तेजी से इजाफा हुआ। चौबीस घंटे के भीतर ही सूचकांक 39 अंकों की बढ़ोतरी हुई और औसत सूचकांक 411 के अंक पर पहुंच गया। इस स्तर की हवा को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों की हवा गंभीर श्रेणी में है।
पराली की हिस्सेदारी 26 फीसदी
केंद्र द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी होने के चलते दिल्ली की तरफ पराली का धुआं आ रहा है। गुरुवार के दिन दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 26 फीसदी रही। जबकि, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने की तीन हजार 914 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
साढ़े चार गुना से ज्यादा प्रदूषण
राजधानी दिल्ली की हवा में इस समय मानकों से चार गुना ज्यादा प्रदूषण मौजूद है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक गुरुवार की शाम पांच बजे प्रदूषण कण पीएम 10 की मात्रा 449 के अंक पर रही। जबकि, पीएम 2.5 की मात्रा 263 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर रही। मानकों के मुताबिक हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 की मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त माना जाता है।
अभी राहत मिलने के आसार नही
दिल्ली के लोगों को अभी भयावह प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। हवा की रफ्तार कम होने और मौसम की किसी बड़ी गतिविधि के अभाव में प्रदूषण की स्थिति कमोबेश बनी रहेगी। अगले दो दिनों के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर या बेहद खराब श्रेणी में ही रहने की संभावना है।
बीते कुछ दिनों में पराली की हिस्सेदारी
तारीख प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी
05 नवंबर 36 फीसदी
06 नवंबर 41 फीसदी
07 नवंबर 48 फीसदी
08 नवंबर 30 फीसदी
09 नवंबर 27 फीसदी
10 नवंबर 27 फीसदी
11 नवंबर 26 फीसदी
इस माह अधिक प्रदूषण वाले सात दिन
तारीख वायु गुणवत्ता सूचकांक
05 नवंबर 462
06 नवंबर 437
07 नवंबर 428
08 नवंबर 390
09 नवंबर 404
10 नवंबर 372
11 नवंबर 411
इन पांच जगहों की हवा सबसे खराब
स्थान एक्यूआई
जहांगीरपुरी 471
वजीरपुर 468
आनंद विहार 464
चांदनी चौक 446
मुंडका 438