मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान की सियासत उबली, कॉग्रेस के विधायक हुए पॉलिटिकल क्वारंटाइन
- देश के साथ सियासत भी अनलॉक
- कॉग्रेस के 110 विधायक लॉक
- कॉग्रेस के विधायक हुए पॉलिटिकल क्वारंटाइन
मध्यप्रदेश का सियासी हंगामा हर किसी ने देखा। हर किसी ने देखा कि कैसे कमलनाथ सरकार मुरझाई और कैसे मध्यप्रदेश में शिवराज का राज वापस आया। ऐसे में कनार्टक में ऑपरेशन लोटस की अपाल सफलता के बाद और मध्यप्रदे में भी ऑपरेशन लोटस के हिट होने के बाद अब बीजेपी के शीष नेतृत्व की नज़र राजस्थान पर हैं और किस तरह से सत्ता पक्ष सियासत की बिसात पर विपक्ष के हर मोहरे को मात दे रहा है। उसकी बानगी हालही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान के कथित वायरल ओडियों में हर किसी ने सुन लिया हैं। ऐसे में अब राजस्थान में भी सियासी उठा पटक शुरु हो गई हैं।राजस्थान में भी कांग्रेस के हाथ को हटाकर सत्ता पक्ष बीजेपी का कमल खिलाने के जुगाड़ में जुट गया हैं। जिसका शंखनाद बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव से कर दी हैं।
राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान होना हैं। जहां कांग्रेस ने राज्यसभा सीटों के लिए -केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी, को मैदान में उतारा है वही बीजेपी ने भी – राजेंद्र गहलोत और ओमकार सिंह लखावत को चुनावी मैदान में उतार कर राज्यसभा चुनाव को भी सुर्खियों में ला दिया हैं। अगर राजस्थान के राज्यसभा के चुनावी गणित को समझा जाए तो पता चलता है कि जहां ‘कांग्रेस के पास अपने 107 विधायक हैं और आरएलडी का एक विधायक, निर्दलीय 13 विधायकों, बीटीपी और माकपा के विधायकों का समर्थन है। वही पर बीजेपी के पास अपने 72 विधायक हैं और उसे आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन हैं।”
इस समीकरण के हिसाब से राजस्थान में कांग्रेस का पलड़ा भारी है। लेकिन इसी बीच कांग्रेस की तरफ से ये बयानबाज़ी शुरु हो गई है कि बीजेपी कांग्रेस के विधायकों को अपने खेमें में करने के लिए उन्हे कई लुभावने प्रलोभन दे रही हैं। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस बाबत सवाल पूछे जाने पर कहा कि उन्हे नही पता कि किस विधायक को पैसे ऑफर हो रहे है लेकिन इस मुद्दे की जांच होनी चाहिए। सचिन पायलट को भले ही खबर न हो लेकिन सियासी गलियारों में ये चर्चा ज़ोरो पर है कि बहुजन समाज पार्टी के विधायको को बीजेपी की तरफ से खरीदफरोख्त के लिए फोन आया था ऐसा बसपा के विधायकों का कहना है। तभी से कांग्रेसी खेमें में सियासी हलचल तेज़ है और कांग्रेस ने अपने 110 विधायकों को जयपुर दिल्ली रोड स्थित शिव विलास रिसोर्ट में लॉक कर दिया है।
उधर सूबे के मुखिया अशोक गहलोत का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस के विधायक बिकाऊ नही है। ये कहकर न सिर्फ अशोक गहलोत ने मध्यप्रदेश के बड़े और दिग्गज चेहरे ज्योतिरादित्यन सिंधिया और उनके समर्थकों पर निशाना साधा बल्कि ये भी साफ कर दिया कि भले ही मध्यप्रदेश में ऑपरेशन लोटस सफल हो गया हो लेकिन राजस्थान में कमल खिलना मुश्किल हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर राजस्थान के मुखिया अशोक गहलोत अपने कांग्रेसी और समर्थक पार्टी के विधायकों को लेकर इतने कॉफिडेंट हैं तो फिर अपने 110 विधायकों को जयपुर और दिल्ली रोड स्थित शिव विलास रिसोर्ट में पॉलिटिकल क्वारंनटाइन क्यों कर रहे हैं ?और जिस तरह से मध्यप्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस के सबसे चमकदार चेहरे को अपने खेमें में कर कमलनाथ का तख्तापलट कर दिया उसी के चलते कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राजस्थान के सबसे चमकदार चेहरे को लेकर भी असंमजंस में हैं क्योकि जो सियासत में मध्यप्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्यन सिंधिया में थी वही सियासत राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में भी बरसों से चली आ रही हैं।