रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की हड़ताल आज से फिर शुरू, यहां जारी रहेंगी सेवाएं
नई दिल्ली. नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग (NEET PG Counselling) में देरी के कारण दिल्ली के सफदरजंग, जीटीबी, लोकनायक, आरएमएल सहित कई बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर (Delhi Doctors Strike) शुक्रवार से हड़ताल पर रहेंगे. हालांकि इस दौरान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हड़ताल नहीं है, लेकिन अन्य अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी और कोविड वार्ड में ड्यूटी देने से रेजिडेंट डॉक्टरों ने साफ इनकार कर दिया है. वहीं, रेजिडेंट डॉक्टरों की इस हड़ताल से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
दरअसल फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने 9 दिसंबर को कई दिनों तक चली हड़ताल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद एक हफ्ते के लिए रोकने का निर्णय लिया था, लेकिन मांगें पूरी नहीं होने के कारण यह आज यानी शुक्रवार से फिर शुरू हो रही है.
दिल्ली के इन अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर रहेंग हड़ताल पर
बता दें कि गुरुवार को जीटीबी के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के चलते शुक्रवार सुबह नौ बजे से हड़ताल पर जाने की सूचना दी है. वहीं, अस्पताल प्रबंधन को लिखे पत्र में रेजिडेंट ने साफ तौर पर लिखा है कि वह किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं में हिस्सेदारी नहीं लेंगे. वहीं, इसके कुछ देर बाद आरएमएल, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और रोहिणी स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हड़ताल में हिस्सा लेने की घोषणा कर दी. बता दें कि रेजिडेंट डॉक्टर्स ने पहले 27 नवंबर से ओपीडी सेवा ठप की थीं, तो सोमवार (6 दिसंबर) से इमरजेंसी सेवाएं बंद करने से हड़कंप मच गया था.
जानें क्या है मामला?
नीट पीजी काउंसलिंग में देरी की वजह से देशभर के 10 हजार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इससे पहले अलावा फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की ओर से कहा गया था कि हम मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिले सकारात्मक परिणामों के लिए इंतजार कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट नीट परीक्षा में ओबीसी के लिए 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाले केंद्र और मेडिकल काउंसिलिंग समिति (एमसीसी) की अधिसूचनाओं के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.
हालांकि केंद्र ने 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 8 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा पर फिर से विचार करने का फैसला किया है. इस वजह से केंद्र ने चार हफ्तों के लिए नीट काउंसलिंग टाल दी है. इसके साथ एफओआरडीए ने कहा था कि उनको शारीरिक और मानसिक कष्टों से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है और कोर्ट की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को होगी.