पंचायत चुनाव में आरक्षण पर हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई
लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अंतिम आरक्षण सूची के प्रकाशन पर लगी रोक मामले पर सुनवाई होनी है. ऐसे में इस पर सभी की नजरें टिकी हैं. अब तक जिस आरक्षण सूची के आधार पर दावेदार चुनाव प्रचार में जुटे थे, उनके दिलों की धड़कनें भी बढ़ी हुई हैं. बता दें कि शुक्रवार को हाईकोर्ट ने अंतिम आरक्षण सूची के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी.
दरअसल, याची अजय कुमार ने प्रदेश सरकार के 11 फरवरी 2011 के शासनादेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि इस बार की आरक्षण सूची 1995 के आधार पर जारी की जा रही है, जबकि 2015 को आधार वर्ष बनाकर आरक्षण सूची जारी की जानी चाहिए. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अंतिम आरक्षण सूची जारी किए जाने पर रोक लगा दी थी.
ये भी पढ़ें – योगी सरकार ने पूरे किये चार साल, जानिए पार्टी किस तरह से मनाएगी जश्न
याचिकाकर्ता का कहना है कि साल 1995 के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था से जहां सामान्य सीट होनी चाहिए थी, वहां पर ओबीसी कर दिया गया और जहां ओबीसी होना चाहिए, वहां एससी के लिए आरक्षित कर दी गई है. इससे चुनाव लड़ने वालों में निराशा है. लिहाजा शासनादेश को रद्द कर वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए.
गौरतलब है कि पंचायती राज विभाग को 17 मार्च तक आरक्षण की अंतिम सूची प्रकाशित करनी है, लेकिन हाईकोर्ट की रोक के बाद अब इसमें देरी हो सकती है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही विभाग आगे की प्रक्रिया शुरू करेगा. बता दें कि इस बार हजारों की संख्या में दावेदारों ने आरक्षण सूची पर अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई हैं.